अभी दो दिन पूर्व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत दिवस के अवसर पर गांव के सरपंचों से बात की थी। जिसमें उन्होंने कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की बाबत पूछा था। तब वीडियो कांफ्रेस में सरपंचों यानी कि गांव प्रधानों ने अपने-अपने गांव में किए जा रहे बचाव कार्यों की बातें शेयर की थी।
तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गांवो में हो रहे कोरोना बचाव के प्रयासों को काफी सराहा था। ऐसे ही गांवों में उत्तर प्रदेश का एक गांव भी शामिल है। जहां आजकल कोरोना महामारी से बचाव की नई नजीर पेश की जा रही हैं।
“राकेश त्यागी के घर के पास संजय जी खड़े हैं कृपया वह अपने घर चले जाएं , बेवजह सड़क पर ना घूमें। आपके साथ और भी कई व्यक्ति हैं, कृपया उन्हें समझाएं और सोशल डिस्टेंस का पालन करें।”…. “कल्लन की दुकान के सामने कुछ लोग घूम रहे हैं, यह लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करें और कृपया करके अपने घर चले जाए।”
अगर कोई व्यक्ति सोशल डिस्टैस का उल्लंघन करता है तो उसे बकायदा लाउडस्पीकर से ऐसे निर्देश देकर गांव में कोरोना वायरस पर कंट्रोल करने की चेतावनी दे दी जाती है।
इसके लिए गांव में बकायदा मुहिम चलाई जा रही है। यह गांव है उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ का उपैड़ा गांव। उपैडा गांव कोरोना महामारी पर नियंत्रण के मामले में देश में मिसाल बनकर सामने आया है।
आज पूरे देश में उपैड़ा गांव की काफी सराहना हो रही है। इस गांव में कोरोना महामारी से बचाव के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें गांव में लगे 64 सीसीटीवी कैमरों को सुरक्षा के साथ-साथ फिलहाल कोरोना महामारी में रोकथाम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्राम के प्रधान हरबीर त्यागी ने बकायदा इसके लिए ग्राम पंचायत भवन में एक कंट्रोल रूम बनाया हुआ है।
गांव की पंचायत भवन में बने इस कंट्रोल रूम में गांव के युवाओं द्वारा सभी 64 सीसीटीवी कैमरो पर नजर रखी जाती है। यह सभी सीसीटीवी कैमरे गांव के मुख्य चौराहे और रास्तों पर लगे हुए हैं।
जहां से प्रत्येक आने-जाने वालों पर कंट्रोल रूम से पूरी निगाह रखी जाती है । इसके लिए बकायदा 6 लोग काम कर रहे हैं । जिनको आठ 8 -8 घंटे की शिफ्ट में पंचायत घर में बने कंट्रोल रूम में ड्यूटी देनी पड़ रही है।
इस तरह उपैड़ा गांव में ना तो पुलिस की और ना ही किसी कोरोना योद्धा की जरूरत पड़ती है। गांव के लोग ही कोरोना वारियर का काम कर रहे हैं। इस गांव में कंट्रोल रूम में बैठे लोग यह देखते रहते हैं कि गांव के मुख्य रास्तों में कौन व्यक्ति घुस रहा है। उसे घुसने से पहले ही रोक लिया जाता है।
यही नहीं बल्कि उसकी पूरी तहकीकात की जाती है। अगर वह व्यक्ति गांव से बाहर का है तो उसको घुसने नहीं दिया जाता है। अगर व्यक्ति गांव का है और कहीं बाहर से आया है, तो उसे बकायदा क्वॉरेंटाइन किया जाता है।
गांव में क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाए हुए हैं। साथ ही लोगों को होम आइसोलेशन भी किया जाता है । 25 हजार की आबादी वाले इस गांव में आज तक एक भी कोरोना का मरीज सामने नहीं आया है। इस गांव से हर कोई सीख ले रहा है।