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यूपी ने रचा इतिहास , महिलाओं को समर्पित रहा आज का दिन

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। विधानसभा की दोनों सदनों में आज का दिन महिलाओं को समर्पित रहा जिसमें महिलाओं ने अपने मुद्दे रखे। यूपी देश का पहला राज्य है जहां महिलाओं के लिए दोनों सदनों में एक दिन समय समर्पित किया गया। इस दौरान विधानसभा की 47 और विधान परिषद की 6 महिला सदस्य सत्र में शामिल रहीं।दरअसल महिला विधायकों का कहना था कि उन्हें सदन में बोलने का मौका अक्सर नहीं मिलता है। इसके बाद सर्वदलीय बैठक में स्पीकर ने अपनी बात सभी दलों के नेताओं के सामने रखी, विचार -विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि 22 सितंबर को सदन में केवल महिला विधायक ही मुद्दे उठाएंगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भी महिला मुद्दों के इस खास सत्र की जानकारी दी गई थी। 19 सितम्बर को मुख्यमंत्री ने महिला सदस्यों से अनुरोध किया था कि वह प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के चलाए जा रहे मिशन “शक्ति कार्यक्रम” के विषय में जरूर बोले। उस दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से मुख्यमंत्री ने अपील की थी, कि इस दिन को विशेष बनाने के लिए महिला सदस्य को दोनों सदनों में पीठासीन अधिकारी बनाया जाना चाहिए। अध्यक्ष सतीश महाना के अनुसार आज के सत्र में प्रत्येक महिला सदस्य को कम से कम तीन मिनट और अधिकतम आठ मिनट तक का समय दिया गया और आजादी के बाद से पहली बार विधानमंडल में ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है।

 

 

महिला सत्र में महिला विधायकों उठायें मुद्दे

 

सदन के आज के सत्र में कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने मंहगाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि घर का बजट महिलाओं को संभालना होता है। तेल, गैस के दामों को बढ़ा दिया गया है। वहीं समाजवादी पार्टी की महिला विधायक ‘डॉ. रागिनी’ ने महिलाओं के साथ हो रहे आपराधिक मुद्दों को उठाया। उन्होंने लखनऊ, गोरखपुर समेत कुछ अन्य जिलों की घटनाओं का जिक्र किया। जिसका जवाब देते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि- पिछली सरकारों की तुलना में हमने बेहतर कानून व्यवस्था की है और महिला अपराधों में कमी लाने का काम भी किया है। खन्ना का जवाब देते हुए रागिनी ने कहा कि – थानों में वसूली भाई बैठे हुए हैं। क्या जिन थानों में लापरवाही की गई है , उन अधिकारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी? इस पर खन्ना ने कहा- जरूर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं सपा की एक और विधायक पिंकी यादव ने कहा कि , “महिला विधायकों को विधानसभा के हर सत्र में बोलने का मौका देकर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ये केवल एक दिन के लिए क्यों किया जा रहा है? चुनावी मंच और विधानसभा के सत्र में बोलना दो अलग-अलग बातें हैं। इसके अलावा एमएलसी डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी ने महिलाओं के हित में बोलते हुए कहा कि , “यह हमारे लिए और उन सभी महिलाओं के लिए खास होगा, जो महिलाएं राजनीति में आगे बढ़ना चाहती हैं, उन सबके लिए यह प्रेरणा होगा। उनके अनुसार सभी महिला विधायकों ने इसके लिए तैयारी भी की है। डबल इंजन की सरकार लगातार महिलाओं के लिए काम कर रही है। यह बेहद खुशी का पल है।”

महिलाओं के लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर करना होगा काम

 

सत्र के दौरन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि महिलाओं को केवल एक दिन देना काफी नहीं ,सत्र में अखिलेश ने कहा कि “दलगत राजनीति से ऊपर मैं कहना चाहता हूं कि अखबारों को पढ़कर हैरान होता हूं ,कितने कठोर कानून पास हुए हैं। फिर भी अपराध के आंकड़े बढ़ रहे हैं। उनकी पढ़ाई, उनकी सुरक्षा और उन्हें आत्मविश्वास दिलाने के लिए हमें मिलकर काम करने होंगे। महिलाओं के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों को साथ में काम करना होगा।

योगी आदित्यनाथ के मुताबिक महिलाएं हर फिल्ड में आगे हैं। सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि यूपी के गावो में बैंकिंग प्रतिनिधि सखी और स्वयंसेवक समूह की महिलाओं को राशन वितरण दिया गया। बुंदेलखंड में गृहणी मिल्क प्रोड्यूसर शुरू किया गया। गांव की सामान्य महिलाएं इनकी मदद से अपनी क्षमता का परिचय दे रही हैं। महिलाओं के लिए मिशन शक्ति के तहत थानों में हेल्पडेस्क बनाई गई हैं । अब यूपी पुलिस में 10 हजार महिला पुलिस की संख्या बढ़कर 35 हजार हो चुकी है। इस वर्ष राज्य में चुनी गई सबसे अधिक महिला विधायक उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटें हैं। एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए इस बार महिलाओं ने सदन में कुल 47 सीटों पर जीत हासिल कर सदन पहुँची हैं ।

गौरतलब है कि इससे पहले 2017 में 41 महिलाएं जीतकर सदन पहुंची थी। इन महिला विधायकों में सबसे ज्यादा भाजपा की 29 महिला विधायक हैं। वहीं समाजवादी पार्टी की 14 महिला विधायक सहित कांग्रेस की एक हैं। इसके अलावा अपना दल (सोनेलाल) की तीन महिला महिला विधायक हैं। पहली विधानसभा से अब तक 20 ऐसी महिला विधायक हैं जो चार से छह बार विधानसभा पहुंच चुकी हैं। विमला राकेश और बेनी बाई छह बार चुनाव जीतने वाली विधायकों में शामिल हैं । वहीं शकुंतला देवी, शारदा देवी, राजपत देवी, प्रेमलता कटियार सहित गुलाब देबी, वर्तमान सरकार में पांच बार विधानसभा पहुंच चुकी हैं।

 

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