एक साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महोबा के पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के लापता होने को गंभीरता से लिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि उनकी तलाश और गिरफ्तारी के लिए शाासन ने अब तक क्या किया है। कोर्ट ने विवेचना कर रही जांच एजेंसी को 14 जून 2021 तक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि लापता पाटीदार की तलाश में अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं। जब अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट से खारिज हो गयी तो गिरफ्तारी के क्या प्रयास किए गए। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति एसएसएच रिजवी की खंडपीठ ने अधिवक्ता डाॅ. मुकुटनाथ वर्मा की तरफ से दाखिल बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया था।
आईपीएस मणिलाल पाटीदार की गिरफ्तारी न होने पर पिछले मई महीने में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। इसके बाद महोबा जिले से तीन और प्रयागराज जिले से दो टीमों को भगोड़े आईपीएस की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। इसमें एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की भी टीम शामिल है। पांच- पांच टीमों लगी होने के बावजूद अभी तक यूपी पुलिस फरार आईपीएस का सुराग नहीं लगा सकी है। बावजूद इसके कि पुलिस द्वारा पाटीदार पर एक लाख का इनाम तक बोला गया।, फिलहाल योगी सरकार ने पाटीदार को बर्खास्त करने के लिए केंद्र सरकार से संस्तुति की है।
मामला दो साल पहले का है। जब पाटीदार महोबा के एसपी हुआ करते थे। तब क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को 8 सितंबर 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी। करीब 5 दिन तक कानपुर के एक अस्पताल में उनका इलाज चला। इसके बाद उनकी 13 सितंबर 2020 को मौत हो गई। इससे पूर्व 7 सितंबर 2020 को इंद्रकांत ने एक वीडियो जारी कर पाटीदार पर संगीन आरोप लगाते हुए खुद की हत्या की आशंका जताई थी।
त्रिपाठी ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने कारोबार करने के लिए 6 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। न देने पर हत्या कराने या जेल भेजने की धमकी दी थी। इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर देवेंद्र व कांस्टेबल अरुण और दो अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पाटीदार के लिए इंद्रकांत के द्वारा बनाया गया वीडियो सबूत के तौर पर सामने आया था। जिसमें उन्होंने आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसी वीडियो के आधार पर शासन ने फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की थी।
इस पूरे मामले की जांच मेरठ आईजी प्रवीण कुमार को दी गई, जांच पूरी कर ली गई है और इसे शासन को भेजा गया है । इसके आधार पर ही उनको बर्खास्त करने के लिए योगी सरकार ने केंद्र से मांग की है। राजस्थान के डूंगरपुर के रहने वाले मणिलाल पाटीदार साल 2014 बैच के आईपीएस अफसर हैं।