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UP: पुलिस कमिश्नरी लागू, सुजीत लखनऊ तो आलोक बने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त

UP: पुलिस कमिश्नरी लागू, सुजीत लखनऊ तो आलोक बने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहते है। फिलहाल प्रदेश की बिंगड़ती कानून व्यस्था को लेकर विपक्ष सरकार की घेराबंदी में लगा था। आए दिन कही-न-कही कोई वारदात होती तो उसको विपक्ष मुद्दा बनाकर सरकार पर हमलावर हो रहा था। एक सप्ताह पूर्व ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हुए हत्याकांड पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।

इन सबके मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में पहली बार पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की है। इसके तहत सुजीत पांडेय लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर होंगे। वहीं गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह होंगे। जबकि श्रीपर्णा गांगुली को अपर पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर बनाया गया है। ग्रेटर नोएडा के गौरव चंदेल हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सजग हो गई है।

इसी के साथ आज राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू करने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी । इस फैसले के बाद लखनऊ समेत नोएडा के पहले पहले ऐसे दो जिले हो गए हैं, जहां अब पुलिस कमिश्नर तैनात होंगे।

इसके साथ ही लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरों के नाम भी सामने आ गए हैं। जहां आलोक कुमार को नोएडा का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वहीं सुजीत पांडे को लखनऊ का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है । ये अफसर एडीजे स्तर के पुलिस अफसर हैं । इससे पहले जिले की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास होता था।

UP: पुलिस कमिश्नरी लागू, सुजीत लखनऊ तो आलोक बने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त

गौरतलब है कि लखनऊ में हुई आज कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा कि पिछले 50 सालों से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी। हमारी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है।

अब एडीजे स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे, जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस सिस्टम में तैनात होगी। विदित हो कि पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में उप पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) से ऊपर जितने अफसर उनके पास मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति होगी।

मगर थानाध्यक्ष और सिपाही को वही अधिकार रहेंगे जो उन्हें फिलहाल मिले हुए हैं। कहीं विवाद या बड़े बवाल जैसी घटना होती है तो जिलाधिकारी के पास ही भीड़ नियंत्रण और बल प्रयोग करने का अधिकार होता है। लेकिन कमिश्नरी लागू होने पर इसका अधिकार पुलिस के पास होगा। इसके साथ ही शांति व्यवस्था के लिए धारा-144 लागू करने का अधिकार भी कमिश्नर को मिल जाएगा।

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