देश में जब से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बना है तब से देशभर में इस कानून के खिलाफ और समर्थन में विरोध-प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक प्रवासियों की जानकारी गृह मंत्रालय को भेजी है।
देश में सीएए लागू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थियों की सूची बनाना शुरू दी थी। अब तक प्रदेश के 19 जिलों में रहने वाले 40 हजार अवैध प्रवासियों की जानकारी जुटाई जा चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गैर-मुस्लिम शरणार्थियों की पहली लिस्ट गृहमंत्रालय को भेज दी है।
इस लिस्ट में 19 जिलों को शामिल किया गया है। नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत यूपी सूची भेजने वाला पहला राज्य बन गया है। लिस्ट में पीलीभीत जिले में सबसे ज्यादा शरणार्थी हैं। नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले अवैध शरणार्थियों को भारत सरकार नागरिकता प्रदान करेगी।
प्रदेश सरकार ने पहले चरण में इन शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए सूची केंद्र सरकार को भेज दी है। यूपी सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि तीन देशों से आए हिंदू, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी प्रदेश में रह रहे हैं। सीएए की अधिसूचना जारी हो चुकी है और सीएए के दायरे में आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता दी जानी है।
पहले चरण में 21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थी चिंहित किए गए हैं। शर्मा ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को शरणार्थी का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। अन्य जिलों में भी आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं यह संख्या अभी और भी बढ़ेगी।
इन जिलों को किया गया शामिल
आगरा, रायबरेली, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मथुरा, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, वाराणसी, अमेठी, झांसी, बहराइच, लखीमपुर-खीरी, लखनऊ, मेरठ और पीलीभीत।
पीलीभीत में सबसे अधिक शरणार्थी
रिपोर्ट के मुताबिक, पीलीभीत में करीब 30 से 35 हजार शरणार्थी पाए गए हैं। सीएए लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने राज्य के गृह विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को सूची भेजी ताकि इन्हें भारतीय नागरिकता दिलाई जा सके।
हर शरणार्थी की कहानी रिपोर्ट में दर्ज
जारी गई रिपोर्ट में सरकार ने शरणार्थियों की सूची के साथ उनके बैकग्राउंड को भी रिकॉर्ड में लिखा है। इनकी कहानियों को एक रिपोर्ट की शक्ल दी गई है। इसका शीर्षक ‘यूपी में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती कहानी’ है। इस रिपोर्ट में हर शरणार्थी परिवार के साथ पड़ोसी मुल्कों में हुए व्यवहार और वहां की जिंदगी का ब्यौरा दर्ज है।
अभी और बढ़ेगी शरणार्थियों की संख्या
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों की पहचान करने के लिए कहा था। सरकार को अलग-अलग जिलों से सूची मिलने का सिलसिला जारी है। ऐसे में इन शरणार्थियों की संख्या में इजाफा संभव है।