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माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर यूपी और पंजाब आमने – सामने 

माफिया डॉन और यूपी के मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लेकर दो राज्यों की सरकारें सुप्रीम कोर्ट में आपस में टकरा रही हैं।  मुख्तार अंसारी पंजाब के रोपड़ जिले की रूपनगर जेल  में बंद है। यूपी सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ दस से ज्यादा संगीन केस दर्ज हैं, जिन पर सुनवाई के साथ इनमें न्याय सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।  लिहाजा उन्हें पंजाब से यूपी ट्रांसफर किया जाए।

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की हिरासत मांगने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए पंजाब सरकार ने कल 24 फरवरी को  उच्चतम न्यायालय से कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत सिर्फ एक ‘नागरिक’ ही मौलिक अधिकारों की बात लेकर शीर्ष अदालत जा सकता है।  राज्य इस प्रावधान का उपयोग नहीं कर सकता।

संविधान का अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचार का अधिकार) किसी भी भारतीय नागरिक को संविधान प्रदत मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सीधे उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार प्रदान करता है। पंजाब सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि अनुच्छेद 32 का उद्देश्य संविधान की तीसरी अनुसूची में दिए गए मौलिक अधिकारों की रक्षा करना है और इसके तहत मौलिक अधिकारों से इतर अन्य किसी भी प्रश्न पर चर्चा नहीं हो सकती।

न्यायालय में पंजाब सरकार ने कहा, ‘लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सिर्फ नागरिकों को ही अनुच्छेद 32 के तहत राज्य कार्यपालिका और विधायिका की कार्रवाई के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार दिया गया है। राज्य को किसी भी सूरत में अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत जाने का अधिकार प्राप्त नहीं है।’

सरकार की याचिका को ही गलत बताया 

उसने कहा, ‘उत्तर प्रदेश राज्य को अर्जी देने का अधिकार नहीं है क्योंकि ना तो वह नागरिक है जिसे यह अधिकार प्राप्त है और नाहीं उसका कोई मौलिक अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है और यह अदालत उसकी रक्षा करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर रिट याचिका का मूल ही गलत है ऐसे में उसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।’

मुख्तार अंसारी का कहना है कि उसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन तो है  ही, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि उसे यूपी में खतरा है। यूपी सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है।  उसने डॉन बृजेश सिंह से अपनी जान को खतरा भी बताया है। वो उनकी हत्या करा सकता है। मैं कान्फ्रेंसिंग के जरिये किसी भी मुकदमे की सुनवाई को तैयार हूं।

वहीं पंजाब सरकार ने कहा है कि यूपी की सरकार मामले में इतनी उग्रता दिखा रही है।  डॉक्टरों की राय है कि  फिलहाल मुख्तार अंसारी को दूसरी जगह नहीं भेजा जा सकता। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब सरकार एक गैंगस्टर, आतंकवादी को बचा रही है।  मुख्तार अंसारी जेल में मजे ले रहा है।  पंजाब सरकार ने दलील रखी कि मौलिक अधिकार सरकारों के नहीं होते, नागरिकों के होते हैं, लिहाजा इस दलील को देकर यूपी सरकार कोर्ट में नहीं आ सकती।  ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए।

वहीं यूपी सरकार कह रही है कि मामले में उसके नागरिकों के भी अधिकार प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि उनके यहां के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है।  लिहाजा मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल ले जाना जरूरी है, लेकिन पंजाब सरकार उन्हें बचा रही है।

मुख्तार अंसारी की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल एक छोटा व्यक्ति है, क्यों यूपी सरकार उसके पीछे पड़ी है।  इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मुख्तार अंसारी छोटा व्यक्ति नहीं है, वह बेहद शक्तिशाली है और पूरी पंजाब सरकार बेशर्मी से उसके पीछे खड़ी है।  रोहतगी ने कहा कि अगर मुख्तार अंसारी इतने शक्तिशाली हैं तो क्यों न उनको मुख्यमंत्री बना दिया जाए।  हालांकि बहस का अभी कोई नतीजा नहीं निकला है।

केस पर सुप्रीम कोर्ट दो मार्च को सुनवाई करेगा। लेकिन यह बात काफी अहम है कि ऐसा मुद्दा आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट में नहीं दिखाई देता, जहां दो सरकारें आमने-सामने खड़ी हों और खास बात ये रही है कि जो आरोपी है, वह दोनों में से किसी भी पार्टी से संबंध नहीं  रखता।

बांदा जेल में ट्रांसफर की मांग
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत में अर्जी देकर पंजाब के रुपनगर जेल में बंद मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के बांदा जिला जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।

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