भाजपा का हार का डर जितना बढ़ता जायेगा, विपक्षियों पर छापों का दौर भी उतना बढ़ता जाएगा। फिर भी सपा का रथ व हर कार्यक्रम बदस्तूर चलता जाएगा। अब तो जनता पूरी तरह भाजपा के खिलाफ विपक्ष के साथ खड़ी है। अब क्या बाइस के लिए भाजपा सरकार उप्र की बाइस करोड़ जनता के यहां छापे डालेगी।” उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर यह पोस्ट करके आयकर विभाग के छात्रों को राजनीतिक साजिश बताया है। आज उनके करीबी नेताओं पर आयकर विभाग के कई शहरों में छापे पड़ रहे हैं। जिससे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर पलटवार किया है।
आयकर विभाग की यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी के नेताओं पर लखनऊ के अलावा मैनपुरी, आगरा और मऊ में हुई है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी मनोज यादव, जैनेंद्र यादव तथा सपा प्रवक्ता राजीव राय के घर पर आयकर विभाग ने छापा मारा है।
राजीव राय को अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। उन्हें 2012 में प्रदेश में सपा सरकार बनाने का मुख्य शिल्पकार समझा जाता है। राय के कर्नाटक में कई शिक्षण संस्थान भी चलते हैं। वह आरवीके ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशंस के अध्यक्ष हैं। यही नहीं बल्कि वह 2014 के लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव लडे थे।
अखिलेश यादव ने आगे कहा है कि पहले अभी तो आईटी आया है। अभी ईडी और सीबीआई का उत्तर प्रदेश आना बाकी है। आपलोग देखते जाइए अभी कौन-कौन लोग दिल्ली से भेजे जाते हैं?”
आज सुबह से ही सपा मुखिया अखिलेश यादव के चार करीबियों के यहां आयकर विभाग की रेड चर्चाओं में है। आयकर विभाग की यह रेड उस समय पड़ी है जब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को करीब दो महीने बचे हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि इससे पहले भी 9 राज्यों में आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की रेड पड़ चुकी है।
बताया जाता है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शरद पवार के यहां ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग पर केस दर्ज किया थाा। जबकि बंगाल में भी चुनाव के समय ममता बनर्जी के भतीजे की पत्नी से इनकम टैक्स ने कोयला घोटाले को लेकर पूछताछ कर डाली थी। यही नहीं बल्कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी के यहां भी छापे डाले गए। भाजपा के बारे में कहा जाता है कि जब-जब विधानसभा चुनाव होने को होते हैं तब तक वह विपक्षियों पर इनकम टैक्स ईडी और सीबीआई के छापे डलवाती है। इस मामले में उत्तर प्रदेश का नंबर दसवें स्थान पर आ रहा है। इससे पहले हुए 9 राज्यों में इसी तरह के छापे डलवाए गए। जबकि वह सभी विपक्षी पार्टियों के सत्ता वाले राज्य रहे है।