हाथरस कांड की तरह उन्नाव कांड भी अब देशभर में गूंजने लगा है। यहां की दो दलित बच्चियों की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है । जबकि तीसरी बच्ची अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। इसी दौरान विपक्ष ने सरकार के इस कदम पर आक्रोश प्रकट किया है जिसमें पीड़ित परिवार को ही नजरबंद किया गया है ।
बताया जा रहा है कि प्रशासन ने मीडिया और विपक्ष के नेताओं के डर से पीड़ित परिवार को ही नजर बंद कर दिया है। उनसे किसी को नहीं मिलने दिया जा रहा है। सरकार के इस कदम को कांग्रेस की युवा नेता प्रियंका गांधी ने न्याय में बाधा करार दिया है।
उत्तर प्रदेश की महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्नाव की घटना पर पोस्ट कर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने पूरे मामले में जांच-पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया को बेहद जरूरी बताया है।
उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा है कि खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा। यूपी सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुने एवं त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए।
उन्नाव कांड पर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है । विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। उन्नाव कांड इसका जीता जागता उदाहरण है । जहां की तीन नाबालिग दलित बच्चों को और हमारी हालत में हाथ बांधकर खेत में फेंक दिया गया। जिसमें 2 की मौत हो गई तथा तीसरी गंभीर बच्ची को दिल्ली के एम्स अस्पताल में नहीं ले जाए जा रहा है ।
विपक्ष ने इस बच्ची को एअरलिफ्ट के जरिए दिल्ली पहुंचाने की मांग की। लेकिन सरकार ने उनकी इस मांग को अनसुना कर दिया । फिलहाल, इस रहस्यमई घटना का खुलासा तीसरी बच्ची के होश में आने पर हो सकता है । क्योंकि वही इस बात की गवाह है कि आखिर उन तीनों के साथ क्या हुआ और किसने किया।