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उन्नाव रेप, सड़क हादसे में नया खुलासा

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में नया खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, एक्सीडेंट करने वाला ट्रक समाजवादी पार्टी नेता नंदू पाल के बड़े भाई देवेंद्र पाल का है. हादसे के बाद फतेहपुर के जेल रोड पर देवेंद्र पाल के मकान में ताला बंद है. बताया जा रहा है कि देवेंद्र पाल ललौली थाना क्षेत्र के मुत्तोर गांव के रहने वाले हैं,उनकी तलाश शुरू हो गई है।

बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई मनोज सेंगर और आठ अन्य के खिलाफ सड़क दुर्घटना के एक मामले में पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की है. इस दुर्घटना में उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि इस हादसे में उनकी दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. आरोपियों पर दुष्कर्म पीड़िता के चाचा महेश सिंह की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। पीड़िता अपने परिजनों संग रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मुलाक़ात करने जा रही थी। गौरतलब है कि भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाए जाने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता के एक चाचा महेश सिंह को पंद्रह बरस पहले के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यह मामला आपसी रंजिस का था जिसमे विधायक के भाई अतुल सिंह ने पंद्रह साल पहले मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में अदालत से महेश सिंह को छोड़ सभी आरोपी बरी कर दिए गए थे। महेश सिंह पंद्रह सालों से फरार थे। जिन पर कार्यवाही की लेकिन सत्तारुढ़ के विधायक पर बलात्कार का  आरोप लगने के बाद की गई। रायबरेली की एक अदालत ने इस मामले में महेश सिंह को दस साल की सजा सुनाई है।

हादसे में मृत महिलाओं में से एक उन्नाव दुष्कर्म मामले की गवाह थी. दुष्कर्म पीड़िता की मां ने दावा किया कि यह दुर्घटना उनकी बेटी और अन्य को खत्म करने की एक साजिश थी. दरअसल जिस कार में पीड़िता का परिवार जा रहा था, उसे एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इसके बाद यह मामला एक बड़े विवाद में बदल गया. ट्रक के मालिक, ड्राइवर और क्लीनर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

विधायक के खिलाफ दुष्कर्म मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम भी परिवार के सदस्यों से मिलने और फिर पुलिस से दुर्घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए अस्पताल पहुंची।उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट मामले में परिजनों का विरोध शुरू हो गया है. परिजनों ने मृतक चाची के अंतिम संस्कार से मना कर दिया है. इस बीच परिजन लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक पीड़िता के चाचा को पैरोल नहीं मिलती है, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. परिजनों ने सरकार से पीड़िता के चाचा को पैरोल दिलाने की मांग की है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के सड़क हादसा मामलेमें सरकार  सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता को तीन निजी सुरक्षा कर्मी दिए गए थे लेकिन कार में जगह नहीं होने के कारण पीड़िता ने सुरक्षा कर्मियों को वहीं रुकने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह एक दुर्घटना का मामला लगता है क्योंकि ट्रक तेज रफ्तार से आ रहा था. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं. इसी बीच देखा गया कि ट्रक की नंबर प्लेट पर काला रंग पुता हुआ था जो मामले में बड़ी साजिश का इशारा करते हैं।

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