गृह मंत्री अमित शाह के करीबी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर मुसीबतों का साया चल रहा है। शेखावत अभी तक राजस्थान की कांग्रेस सरकार को गिराने और विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों से मुक्त नहीं हो पाए थे कि दूसरी तरफ बाड़मेर कोर्ट में उनपर अपना कानूनी डंडा चलाया है।
बाड़मेर कोर्ट में वहीं के रहने वाले दो व्यक्तियों की शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर जांच के आदेश दे दिए हैं । कोर्ट के आदेशों पर राजस्थान एसओजी इस मामले में अब केन्द्रीय मंत्री शेखावत से पूछताछ करेगी। 824 करोड रुपए की संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में फिलहाल केंद्रीय मंत्री फसते हुए नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बाड़मेर के रहने वाले दो लोगों गुमनाम सिंह और लाबू सिंह के अनुरोध पर कोर्ट ने यह कदम उठाया है। जिसके बाद संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के 824 करोड़ के घोटाले में इन सभी लोगों के विरूद्ध जांच के निर्देश दिए हैं।
शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में लाखों रुपये जमा कराए थे, और सोसाइटी ने सारे पैसे गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके सहयोगियों की कंपनियों में लगाया था। इसके मध्य सोसाइटी करोड़ों रुपये के घोटाले में फसती हुई नजर आ रही है।
गौरतलब है कि संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी ने राजस्थान में 211 शाखाओं एवं गुजरात की 26 शाखाओं सहित भारत के 2 राज्यों में 237 शाखाएं खोलीं थी। इस सोसायटी पर आरोप है कि इसने राजस्थान के करीब 2 निवेशकों की 824 करोड रुपए की निवेश राशि की ठगी की है।
सोसायटी की एडिट रिपोर्ट में करीब 1100 करोड़ रुपए के ऋण दर्शाए गए हैं। बताया जा रहा है कि उनमें अधिकांश बोगस ग्राहक हैं। ऐसे बोगस ऋणों की संख्या करीब 56 हजार है। जिनकी औसत ऋण प्रति व्यक्ति करीब ₹2 लाख है।
याद रहे कि इस पिछले साल से ही इस मामले की जांच राजस्थान एसओजी कर रही है। जिसमें 17 सितंबर 2019 को कंपनी के निदेशक विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। बताया जाता है कि विक्रम सिंह एक बस कंडक्टर का बेटा है । जिसने इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। विक्रम के केन्द्रीय मंत्री शेखावत से करीबी संबंध बताए जातें हैं।