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योगी राज में अनसुनी फरियाद,रक्षक बने भक्षक

 

क्योंकि जोगिंदर का कसूर यह था कि वह मजदूर था । मजदूर होने के साथ ही वह मजबूर भी था । प्रदेश की योगी सरकार के उन पुलिसकर्मियों के सामने उसने अपनी पत्नी के साथ मिट्टी का तेल डालकर आत्महमत्या करने का प्रयास किया ।आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर कर देने वाले जोगिंदर की कहानी हैरान करने वाली है ।

प्रदेश की योगी सरकार जहां गरीबों को इंसाफ दिलाने का दम भर्ती रहती हैं, वही मथुरा के इस मजदूर ने सिर्फआत्महत्या जैसा खतरनाक कदम इसलिए उठा लिया कि उसकी थाने में सुनवाई नहीं हो रही थी । वह दबंगों से परेशान था । उन दबंगों से जो उसकी जमीन हथियाना चाहते थे ।

मरता आखिर क्या न करता की इस स्थिति में आकर जोगिंदर ने 28 अगस्त को अपनी पत्नी के साथ लोगों की सुरक्षा करने का दंभ भरने वाले खाकी के सामने यह कदम उठाया । उसके बाद दोनों को दिल्ली स्थित सफदरजंग हॉस्पिटल में एडमिट किया गया । जहां कल जोगिंदर ने इस दुनिया को सदा सदा के लिए अलविदा कर दिया । जबकि जोगिंदर की पत्नी अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है ।

ये मामला मथुरा के थाना सुरीर का है । इस घटना के बाद थाना परिसर में हड़कंप मच गया । हालाकि मामले को संज्ञान में लेते हुए मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने सुरीर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर दीपक नागर को सस्पेंड कर दिया है ।

जानकारी के मुताबिक पीड़ित दंपति जोगिंदर और उनकी पत्‍नी सुरीर के ही रहने वाले हैं । वह लोग काफी लंबे समय से गांव के ही दबंग द्वारा मारपीट की घटनाओं से परेशान होकर शिकायत दर्ज कराना चाहते थे ।इसी मामले में पिछले लंबे वक्त से जोगिंदर थाने के चक्‍कर काट रहे थे ।

आपको बता दें सुरीर कस्बे के रहने वाले जोगिंदर 40 वर्षीय मजदूरी का काम करते हैं ।जोगिंदर का आरोप है कि गांव के कुछ दबंग लोग आए दिन परेशान करते हैं और उनके घर को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं, जिसकी शिकायत लेकर जोगिंदर लगातार पुलिस अधिकारियों के दरवाजे के चक्कर लगा रहे थे । लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी । उनका कहना था कि उन्होंने थाना इंचार्ज, सीईओ और एसपी तक उन्होंने फरियाद लगाई, लेकिन उन्हें केवल वहां से फटकार मिली ।

आखिर पुलिस अधिकारियों की फटकार से परेशान होकर दंपत्ति ने 28 अगस्त को अपने ऊपर तेल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया । थाने में मौजूद लोगों ने दंपति को बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह दोनों ही पूरी तरह झुलस चुके थे ।

पीडित जोगिंदर ने गांव के ही सतपाल, बबलू ओर उसके साथियों पर मारपीट और उसकी जमीन को हड़पने का गंभीर आरोप लगाया था पीड़ित लगातार 1 साल से अधिकारियों के दरवाजे पर चक्कर लगा रहा था, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल रहा था ।

जोगिंदर और उनकी पत्नी ने सुरीर शहर में एक ईंटों के भट्टे पर काम करते थे, लेकिन गांव के चार लोगों उन्हें एक साल से परेशान कर रहे थे । ये वो लोग थे जो उनकी जमीन हड़पना चाहते थे । गत 23 अगस्त को हुए एक विवाद के बाद जोगिंदर के सिर पर ईट मारकर भी सतपाल और उसके साथियों ने हमला किया था । लेकिन पुलिस ने उसके सिर से खून बहने के बावजूद हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी ।

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