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2023 की पहली तिमाही में बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज

कोरोना महामारी पुरे विश्व के लिए एक काल बनकर सामने आई, जिसका प्रभाव देश में सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक और हर स्तर पर देखने को मिला। इस दौरान बेरोगारी दर में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। इसका कारण यह था की कोरोना के डर से कहीं तो लोगों ने खुद ही नौकरी छोड़ कर अपने जन्मस्थान या गाँव की ओर लौटने शुरु कर दिया था तो वहीं कुछ लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया था। लेकिन इस बढे हुए बेरोजगारी के स्तर में अब लगातार गिरवाट आ रही है।

 

हाल ही में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार इस साल देश के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले घटी है। रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है कि शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 में घटी है। पिछले साल जनवरी-मार्च की बेरोजगारी दर 8.2 फीसदी थी जो इस साल घटकर 6.8 फीसदी पर पहुँच गई है। यह लगातार सातवीं तिमाही में गिरावट को दिखता है। कोविड-19 महामारी के प्रभाव से शहरी श्रम बाजार की सकारात्मक रूप से ठीक हो रहा है। बेरोजगारी के दर में गिरावट दर्ज की गई है लेकिन लैंगिक असमानता में ज्यादा फर्क नहीं देखा गया है।

 

पुरुषों की बेरोजगारी दर

 

रिपोर्ट के मुताबिक इस साल, 2023 की पहली तिमाही में पुरुषों की बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली है। आंकड़ों के अनुसार इस साल की पहली तिमाही में पुरुषों की बेरोजगारी छह प्रतिशत है। जो पिछले साल 2022 के जनवरी-मार्च के आंकड़ों के अनुसार यह बेरोजगारी दर 7.7 फीसदी थी। यह आंकड़ा साल 2022 के अक्टूबर-दिसंबर में 6.5 फीसदी था , 2022 के जुलाई-सितंबर में 6.6 फीसदी और 2022 की दूसरी तिमाही अप्रैल-जून में 7.1 फीसदी देखा गया था। जिससे साफ़ स्पष्ट होता है कि पुरुषों की बेरोजगारी दर में गिरावट आई है।

 

महिलाओं की बेरोजगारी दर

 

रिपोर्ट के मुताबिक इस साल, 2023 की पहली तिमाही में शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के बेरोजगारी दर में भी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन यह पुरुषों की तुलना में कम है। इस साल की तिमाही में महिला बेरोजगारी दर 9.2 फीसदी है। जो साल 2022 के जनवरी – मार्च में 10.1 फीसदी था। यह आंकड़ा साल 2022 के अक्टूबर-दिसंबर में 9.6 फीसदी और 2022 के जुलाई-सितंबर 9.4 फीसदी था। जिससे यह स्पष्ट होता है कि जितनी तेजी से पुरुषों की बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की जा रही है महिलाओं की स्थिति में उतना सुधार नहीं आया है।

 

क्या है राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन

 

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (NSSO- National Sample Survey Office) भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के अधीन एक संगठन है। जिसका मान बदलकर अब ‘राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय’ हो चुका है। यह भारत का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण करने वाला सबसे बड़ा संगठन है। इसकी स्थापना 1950 में की गयी । इसके 4 भाग हैं सर्वेक्षण अभिकल्‍प और अनुसंधान प्रभाग, फील्‍ड कार्य प्रभाग, डेटा संसाधन प्रभाग, समन्‍वय और प्रकाशन प्रभाग। इन सभी प्रभागों अलग – अलग कार्य हैं :-

पहला, सर्वेक्षण अभिकल्‍प और अनुसंधान प्रभाग, यह सर्वेक्षणों की तकनीकी योजना तैयार करने, संकल्‍पनाएं और परिभाषाएं तैयार करने, अभिकल्‍प प्रतिदर्श तैयार करने, पूछताछ अनुसूचियां तैयार करने, तालिका योजना बनाने, सर्वेक्षण परिणामों के विश्‍लेषण और प्रस्‍तुतीकरण के लिए जिम्‍मेदार है।

दूसरा, फील्‍ड कार्य प्रभाग, विभाग एनएसएसओ द्वारा किए जाने वाले सर्वेक्षणों के लिए प्राथमिक डेटा के संकलन के लिए जिम्‍मेदार है।

तीसरा, डेटा संसाधन प्रभाग, प्रतिदर्श चयन, सॉफ्टवेयर विकास, संसाधन, सर्वेक्षण के माध्‍यम से एकत्र किए जाने वाले डेटा के वैधीकरण और तालिका तैयार करने के लिए जिम्‍मेदार है।

चौथा, समन्‍वय और प्रकाशन प्रभाग, एनएसएसओ के विभिन्‍न प्रभागों के सभी क्रियाकलापों का समन्‍वय करता है। यह ‘सर्वेक्षण’ नामक एनएसएसओ की छमाही पत्रिका का प्रकाशन भी करता है।

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