बीते वर्षों में आई कोरोना महामारी ने भारत ही नहीं पुरे विश्व को हिला कर रख दिया है। जिसका दुष्परिणाम देश की आर्थिक व्यवस्था पर भी पड़ा है। छोटे उद्योग तो बंद हुए ही हैं साथ ही कई मल्टीनेशनल कंपनी ने भी कर्मचारियों की छटनी करने की घोषणा की है
सरकारी कार्यलयों व गैर सरकारी संस्थाओं के आंकड़ों से भी यह बात स्पष्ट होती है कि पिछले कुछ समय से देश में बेरोजगारी का स्तर निरंतर बढ़ता ही जा रहा है जो देश के सामने एक बड़ी समस्या के रूप में खड़ा है। इसी बीच हाल ही में आई सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट के अनुसार नौकरियों के मामले में गांव की स्थिति को शहरों से बेहतर बताया गया है। रिपोर्ट में आए आंकड़ों के मुताबिक इस साल नवंबर के महीने में भारत की बेरोजगारी दर बीते माह अक्टूबर की तुलना में कुछ प्रतिशत बढ़ी है। देश में अक्टूबर के महीने में 7.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर्ज की गई थी जो नवंबर में बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई। जबकि पिछले साल नवंबर (2021) में बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी। साथ ही रिपोर्ट में इस बात की जानकारी भी मिलती है कि पिछले 12 महीनों में, बेरोजगारी दर 6.4 से 8.3 प्रतिशत के बीच ही रही और ज्यादा से ज्यादा 7.4 प्रतिशत रही। लेकिन बीते महीने नवंबर में बेरोजगारी दर को सबसे उच्च पायदान पर पाया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर
रिपोर्ट के अनुसार देश के ग्रामीण इलाकों में रोजगार के क्षेत्र में 4.3 मिलियन की वृद्धि हुई है। अक्टूबर के महीने में यहाँ रोजगार दर 37 फीसदी थी जिसमें नवंबर में 37.5 प्रतिशत सुधार देखने को मिला है। आंकड़ों के अनुसार नवंबर के महीने में, शहरों में बेरोजगारी दर में 8.96 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई वहीं, गांवों में यह आंकड़ा 7.21 फीसदी रहा। रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण इलाकों में रोजगार के क्षेत्र में वृद्धि मुख्य रूप से किसानों और खेतिहारी मजदूरों के रूप में हुई है। साथ ही नवंबर में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, ओडिशा, कर्नाटक और मेघालय में बेरोजगारी दर सबसे कम पाई गई।
भारतीय शहरों में बेरोजगारी दर
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के शहरी इलाकों में बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक शहरों में अक्टूबर में बेरोजगारी दर 9.9 मिलियन दर्ज की गई थी जो नवंबर में करीब 2.8 मिलियन की वृद्धि के साथ 12.7 मिलियन हो गई हुई है।