संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रम में भारत से भगोड़े स्वामी नित्यत्यानन्द ने अपने द्वारा बनाया गया नया देश कैलासा से अपनी एक शिष्या विजयप्रिया के शामिल होने का दवा किया था। जहाँ विजयप्रिया ने भारत के खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए भारत पर गलत आरोप लगाए थे।
जिसपर संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी विवियन क्वॉक ने कहा है कि ‘प्रतिनिधि विजयप्रिया के विचारों को अंतिम रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि जिस विषय पर बैठक हो रही थी उसके अनुसार उनके विचार अप्रासंगिक थे।’ हालांकि इस मामले में अब तक भारत सरकार शांत नजर आ रही है और कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
संयुक्त राष्ट्र के इस निर्णय पर विजयप्रिया ने सफाई देते हुए कहा है कि मैं स्पष्ट करना चाहूंगी कि मैंने भारत के विरोध में कुछ नहीं कहा। हम भारत का सम्मान करते हैं। मेरे बयान को गलत समझा जा रहा है और मीडिया के कुछ एंटी-हिंदू सेक्शन्स मेरे बयान को तोड़-मोड़कर कर पेश कर रहे हैं।
कौन हैं विजयप्रिया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजयप्रिया नित्यानंद के कथित देश कैलासा में डिप्लोमैट हैं। हालांकि यह सवाल भी उठ रहें हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में शामिल होने के लिए क्या कैलासा को मान्यता मिल गई है ? वहीं कैलासा के वेरिफाइड फेसबुक अकाउंट से इस बात की जानकारी मिलती है की विजयप्रिया संयुक्त राष्ट्र में इस कथित देश की स्थायी राजदूत हैं। विजयप्रिया मूल रूप से अमेरिका के वाशिंगटन डीसी शहर में रहती हैं।
भारत पर लगाए थे आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विजयप्रिया ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। कहा जा रहा है कि मीटिंग के दौरान विजयप्रिया ने दावा किया कि भारत उनके गुरु नित्यानंद को उत्पीड़ित कर रहा है। जिसे लेकर वह संयुक्त राष्ट्र से सवाल करती हैं कि कैलासा में नित्यानंद और 20 लाख हिंदू प्रवासी आबादी के उत्पीड़न को रोकने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्या उपाय किए जा सकते हैं।
कौन है गुरु नित्यानंद
भारत में यौन शोषण और रेप के मामले में आरोपी स्वघोषित स्वामी नित्यानंद का वास्तविक नाम ए राजशेखरन है। बताया जाता है कि नित्यानंद ने बचपन से ही योग, तंत्र, वेदांत और शैव दर्शन का अध्ययन किया। हालांकि उनके जन्म की तारीख विवादित है। क्योंकि 2003 में अमेरिका का वीजा लेते समय इन्होने अपना जन्म 13 मार्च 1977 बताया। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक हाईकोर्ट को दिए गए हलफनामे में उनका जन्मे 1 जनवरी 1978 बताया गया है।
साल 2010 में एक मीडिया चैनल ने नित्यानंद का एक अश्लील वीडियो जारी किया था, जिसमें वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में था। नित्यानंद का कहना था की ये आरोप फर्जी है और विडिओ के साथ छेड़-छाड़ किया गया है। लेकिन जांच में वीडियो सही पाई गई। इसके बाद साल 2012 में एक बार फिर इनके खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद क़ानूनी कार्यवाही के डर से नित्यानंद भारत से फरार हो गए। जिसमें उनके रईस भक्तों ने उनकी सहयता की है।
अलग काल्पनिक देश बनाया
भारत से भागने के बाद नित्यानंद दक्षिण अमेरिका में इक्वाडोर के पास एक टापू ख़रीदा और उसका नाम कैलासा रखा दिया, नित्यानंद ने इसे एकमात्र हिंदू राष्ट्र होने का दावा किया है। हालांकि इसका सटीक पता आज भी किसी को पता नहीं चल सका है।