विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूजीसी पैनल ने उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र जुलाई के बजाय सितंबर से शुरू करने की सिफारिश की है। इस पैनल को स्थिति पर ध्यान देने और भारत में उच्च शिक्षा के संबंध में समाधान के लिेए बनाया गया था।
यूजीसी की ओर से दो समितियों का गठन किया गया था। जिसमें से एक समिति का गठन अकादमिक हानि के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए किया गया था और दूसरी का लोगों के ऑनलाइन शिक्षा का अध्ययन करने और महामारी के कारण लॉकडाउन के समय में भारत की शिक्षा प्रणाली पर इसके प्रभावों का अध्ययन करने के लिए किया गया।
हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति, आरसी कुहाड़ के नेतृत्व में समिति का गठन लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालयों में परीक्षा आयोजित करने के विभिन्न तरीकों को देखने के लिए किया गया था। समिति को विश्वविद्यालयों के लिए वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर पर काम करने के लिए भी कहा गया था।
ऑनलाइन शिक्षा में सुधार के लिए उपाय किए जाने के सुझाव के लिए एक और समिति बनाई गई थी। इसका नेतृत्व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, इग्नू के उपाध्यक्ष नागेश्वर राव ने किया था। पैनलों ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सूत्रों ने यह भी बताया कि पैनल ने विश्वविद्यालयों को उनके बुनियादी ढांचे के अनुसार आगे बढ़ने का सुझाव दिया है। वे ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर सकते हैं यदि उनके पास सुविधाएं हैं और यदि उनके पास संसाधन नहीं हैं, तो वे लॉकडाउन के खुलने का इंतजार कर सकते हैं और फिर पेन-पेपर टेस्ट आयोजित कर सकते हैं।
दोनों रिपोर्टों का अध्ययन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किया जाएगा और आधिकारिक दिशानिर्देश अगले सप्ताह तक अधिसूचित किए जाएंगे। एक अधिकारी ने कहा, “यह बाध्यकारी नहीं है कि सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाएगा। व्यवहार्यता के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और स्थिति को ध्यान में रखते हुए, दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।”
पैनल ने देश में लंबित बार्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं के कारण शैक्षणिक सत्र शुरू करने में बाधा की ओर इशारा किया। अधिकारी ने कहा, “फिलहाल, जून में NEET और JEE जैसी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की योजना है। लेकिन COVID-19 स्थिति की समीक्षा करना बेहद महत्वपूर्ण है।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश में वायरस के कारण मौत 775 हो गई और शनिवार तक देश में मामलों की संख्या 24,506 तक पहुंच गई।