महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर पिछले कुछ दिनों से खतरा मंडरा रहा था पर अब चुनाव आयोग ने महराष्ट्र में विधान परिषद का चुनाव कराने का फैसला ले लिया है। जल्द ही इसकी अधिसूचना जारीकी जाएगी। 21 दिनों के अंदर चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया 27 मई से पहले तक हो सकती है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि यहाँ पर विधान परिषद की 9 सीटें रिक्त हैं उस पर जल्द से जल्द चुनाव कराया जाए।
राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था कि राज्य में मौजूदा संकट को खत्म को देखते हुए विधान परिषद की सीटों पर चुनाव का ऐलान हो जो पिछले महीने 24 अप्रैल से खाली हैं। अब आयोग ने चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट से दो बार प्रस्ताव पास कर भेजा था। पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी चुप थे, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन कर मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद अब महाराष्ट्र में सियासी संकट खत्म होता दिख रहा है।
उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई तक विधानसभा या विधानमंडल का सदस्य होना जरूरी है। अगर वह ऐसा नहीं करते तो उनकी कुर्सी जा सकती है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाले उद्धव ठाकरे को पांच माह के करीब समय हो गया है। लेकिन अभी तक उद्धव ठाकरे विधानसभा और विधान परिषद में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं बन पाए हैं।
मुख्यमंत्री बने रहने के लिए यह जरूरी है कि छह माह के अंदर किसी सदन की सदस्यता लेना जरूरी होता है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेताओं ने बीते दिनों मुलाकात की थी। सबने उद्धव ठाकरे को राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य के रूप में विधान परिषद में भेजने की मंत्रिमंडल की सिफारिश पर विचार करने का अनुरोध किया था। महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल में राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब और कपड़ा मंत्री असलम शेख शामिल थे।