उत्तर प्रदेश में थानों में मानव अधिकार का खुला उल्लंघन होता है। यह कई बार देखने को मिल चुका है। शायद ही कोई महीना ऐसा जाता होगा जब उत्तर प्रदेश के थानों में मानव अधिकार के नियम के विपरीत लोगों के साथ व्यवहार ना किया जाता हो। हालांकि, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में पुलिस के प्रति थोड़ा लचीलापन अपनाते रहे हैं। शायद यही वजह है कि यूपी पुलिस बेकाबू हो चली है।
श्रावस्ती जिले के एक थाने में जो घटना सामने आई है उससे तो यही लगता है कि प्रदेश में पुलिस अपराधियों की माफिक काम कर रही है । श्रावस्ती जिले के गिलौला थाना में एक गंभीर मामला सामने आया है। जिसमें एक 20 वर्ष के युवक को एक लड़की के साथ छेड़छाड़ के आरोप में 6 दिन तक अवैध हिरासत में रखा गया। इसके बाद उसकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई।
इस मामले में देर शाम गिलौला के थाना प्रभारी विनोद कुमार, उपनिरीक्षक शशि नाथ पाण्डेय, उप निरीक्षक विजय नाथ, उप निरीक्षक जयप्रकाश सिंह, आरक्षी मुंशी एकलाख खां और महिला आरक्षी प्रिया मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही निरीक्षक विनोद कुमार, उप निरीक्षक विजय नाथ यादव हल्का प्रभारी, हमराहियान व उप निरीक्षक जेपी सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई मृतक के पिता की तहरीर पर हुई है।
मृतक युवक के परिजनों का आरोप है कि अवैध हिरासत में रखने के दौरान मृतक को टॉर्चर किया गया। उसे इतना मारा पीटा गया कि उसकी मौत हो गई। हालांकि, दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन कह रहा है कि लॉकअप में बंद रहने के दौरान आरोपी ने बाथरूम में जाकर फांसी लगा ली । इसके साथ ही ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया। फिलहाल भारी तनाव को देखते हुए थाना क्षेत्र में पीएसी तैनात कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार दर्जी पुरवा के रहने वाले वाजिद (20) पर 28 अगस्त को पड़ोस की लड़की के साथ छेड़खानी का आरोप लगा था। इसके बाद गिलौला थाने में 31 अगस्त को मामला दर्ज किया गया। उसी दिन पुलिस ने आरोपी वाजिद को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस पर आरोप है कि उसने वाजिद को न्यायालय में पेश नहीं किया बल्कि पुलिस लॉकअप में ही टॉर्चर करते रहे। इस दौरान युवक पुलिस का टॉर्चर सहन नहीं कर सका और उसकी मौत हो गई।
मृतक के भाई के अनुसार कुछ समय से गांव के एक व्यक्ति से जमीन का विवाद चल रहा था। उन लोगों ने घर के पास ही वाजिद की जमकर पिटाई की थी। इसके बाद पुलिस बुलाकर वाजिद को थाने बुलाकर ले गई। इस दौरान पुलिस ने वाजिद को छोड़ने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की थी।
श्रावस्ती पुलिस के अनुसार सुबह वाजिद बाथरूम गया। लेकिन जब काफी देर तक नहीं निकला तो पुलिस वालों ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो देखा कि वह रस्सी के सहारे लटक रहा था। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।