महाराष्ट्र के पालघर लिंचिंग केस को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भाजापा पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में कांग्रेस ने कहा है कि हत्या के आरोपियों में दो का संबंध भाजपा से है। कांग्रेस का कहना है कि दोनों भाजपा से सदस्य हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को अपने इन दोनों सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, दूसरी तरफ भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि ईश्वर निकुले और भाऊ साठे को आरोपी संख्या 61 और 65 के रूप में नामजद किया गया है। वे दोनों पालघर जिले में भाजपा की दहानु मंडल इकाई के पदाधिकारी हैं। सावंत ने कहा, “बीजेपी को अपने पदाधिकारियों के खिलाफ अवश्य ही कार्रवाई करनी चाहिए, जो दो साधुओं और उनके चालक की हत्या के आरोपी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि निकुले को बीजेपी दहानु मंडल के आधिकारिक फेसबुक पेज पर गादचिंकल गांव के बूथ स्तरीय पदाधिकारी के तौर पर देखा जा सकता है। इसी गांव में बच्चा चोर होने के संदेह में भीड़ ने गुरुवार रात दो साधुओं सहित तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस मामले में 100 से अधिक लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।कांग्रेस प्रवक्ता सावंत ने आरोप लगाया कि साठे भी इसी गांव के बूथ स्तरीय पदाधिकारी (बीजेपी के) हैं। ग्राम पंचायत सरपंच चित्रा चौधरी को भी तस्वीरों में देखा जा सकता है। बीजेपी पिछले 10 साल से इस ग्राम पंचायत में सत्तारूढ़ है। कांग्रेस प्रवक्ता ये भी कहा कि चौधरी के अलावा, स्थानीय बीजेपी मंडल प्रमुख संगीता कोटेला और दहानु पंचायत समिति प्रमुख रमा ठाकरे भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
उन्होंने इसके बाद कहा, “शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार भीड़ हिंसा की इस घटना में संलिप्त लोगों को अदालत के कठघरे में ले जाएगी। लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि बीजेपी ने साधुओं की हत्या के आरोपी अपने लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।”
सावंत ने इस दौरान केंद्र सरकार से मांग किया वो भीड़ हिंसा के खिलाफ कानून लाए, जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस सिलसिले में 11 दिशानिर्देश भी जारी किए गए पर केंद्र सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इसके बाद जुलाई 2019 में भी शीर्ष न्यायालय ने भीड़ हिंसा के मामलों पर संज्ञान लिया और केंद्र को एक नोटिस भेजकर पूछा कि पूर्व के निर्देशों पर क्या कदम उठाए गए हैं, पर नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने कुछ नहीं कहा।
सावंत ने कहा, ‘‘पालघर घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया लेकिन भीड़ हिंसा की घटनाओं के खिलाफ कानून लाने के लिए कुछ नहीं किया। भीड़ हिंसा की घटनाएं अन्य राज्यों में भी हुई। लेकिन बीजेपी के किसी वरिष्ठ नेता ने कोई चिंता नहीं प्रकट की। इसके बजाय कुछ मामलों में आरोपियों का अभिनंदन किया गया।”
कांग्रेस के तरफ से आए बयान को लेकर जब प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता केशव उपाध्याय से संपर्क किया गया तो उन्होंने कांग्रेस के आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उल्लेख किए गए दोनों लोग बीजेपी कार्यकर्ता नहीं हैं। तस्वीरें (कांग्रेस द्वारा जारी) सार्वजनिक कार्यक्रम की हैं जिनमें कई ग्रामीण शामिल हुए थे।