दिल्ली हाई कोर्ट में Twitter ने 6 जुलाई, मंगलवार को माना कि उसने नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया है। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अब हम Twitter को किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दे पाएंगे। अब केंद्र सरकार किसी भी तरह से Twitter पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
अमित आचार्य ने आईटी नियम लागू होने के बाद भी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या Twitter ने कानून का उल्लंघन किया है। तब केंद्र ने कहा कि Twitter ने नियमों का पालन नहीं किया, साथ ही Twitter के वकील ने भी यही कहा कि हम लोगों ने आईटी के नियमों का पालन नहीं किया।
ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं करने की बात मानी
वहीं, ट्विटर के वकील ने कहा कि आज तक हमने आईटी के नियमों का पालन नहीं किया है। इस बिंदु पर अदालत ने कहा कि आपको केवल एक व्यक्ति को नियुक्त करना है, लेकिन आप ऐसा भी नहीं कर रहे। इससे हमे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको इस प्रक्रिया को पूरा करने में कितना समय लगता है और ट्विटर को लगता है कि वह कितना भी समय ले सकता है तो यह मर्जी नहीं चलेगी। कोर्ट ने कहा कि आप ट्विटर से बात करके बता सकते हैं कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में आपको कितना समय लगेगा।
अब केंद्र सरकार को कोई भी कार्रवाई करने की आजादी
वहीं हाईकोर्ट ने कहा कि ट्विटर को अपनी गलती सुधारने के लिए 3 महीने का समय दिया गया था। लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी इस त्रुटि को दूर करने के लिए कोई काम नहीं हो रहा है। इसलिए सरकार को यह कार्रवाई करनी पड़ी। अंत में हाईकोर्ट ने कहा कि अब हमारे द्वारा ट्विटर को किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। अब केंद्र सरकार स्वतंत्र है और जो चाहे कदम उठा सकती है। क्योंकि अगर ट्विटर भारत में अपना काम करना चाहता है तो उसे पता होना चाहिए कि कैसा व्यवहार करना चाहिए।