देश में कोरोना महामारी का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में लोग अपने सुरक्षित आश्रय की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर है। जो हजारों किलोमीटर दूर से अपने घर वापसी कर रहा है। लेकिन मजदूरों के लिए व्याप्त सुविधाएं नहीं है। जिसके चलते मजदूरों के लिए यह सफर मौत का सफर साबित हो रहा है। करीब 80 प्रवासी मजदूर सड़कों पर चलते हुए मौत के मुंह में समा चुके हैं।
लेकिन इसी दौरान मजदूरों को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासी जंग छिड़ी हुई है। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मैं आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। पिछले 4 दिन से सियासी तमाशा जारी है। यह तमाशा तब शुरू हुआ जब 4 दिन पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मजदूरों को घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया। प्रियंका ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 1000 बस नोएडा और आनंद विहार बस अड्डे से चलाने की परमिशन मांगी।
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghRBL) May 20, 2020
लेकिन इस बस प्रकरण में जमकर राजनीति होने लगी। हालांकि शुरू में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी को 1000 बस चलाने की परमिशन दी तो तब एक बारगी ऐसा लगा कि पक्ष और विपक्ष साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन सियासत के पत्ते उस समय खुलने लगे जब बसों के नाम पर चिट्टियां दौड़ने लगी।
प्रदेश के अपर सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी को एक पत्र लिखकर कहा कि वह बसों के नंबर, ड्राइवर और कंडक्टर के नाम के साथ पूरी लिस्ट भेज दें। इसके तहत 1000 बसों की लिस्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई। जब लिस्ट की जांच हुई तो पता चला कि उनमें कई बसें या तो थ्री व्हीलर है या स्कूटर या एंबुलेंस। कुछ बसें ऐसी भी थी जो फिटनेस नहीं हुई थी।
इसके बाद भाजपा और कांग्रेस में बस प्रकरण पर जंग जारी है। यह जंग अब उस समय ज्यादा चर्चा में आ गई है तब कांग्रेस की ही एक विधायक ने अपनी पार्टी के खिलाफ बयान दे दिए। यह विधायक है रायबरेली से अदिति सिंह। आदित्य सिंह ने इस मामले पर 2 ट्वीट किए हैं, और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समर्थन किया है। इसी के साथ ही अदिति सिंह ने प्रियंका गांधी को इस मामले पर आड़े हाथों लेते हुए कहां है कि यह प्रवासी मजदूरों के साथ और महार क्रूर मजाक कर रहे है।
अदिति सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा और एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाईं।
कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
— Aditi Singh (@AditiSinghRBL) May 20, 2020
यही नहीं बल्कि विधायक अदिति सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की है। अदिति ने लिखा है कि कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक न छोड़ पाईं, तब सीएम योगी ने रातोंरात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।