कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है।उन्होंने कहा कि,भारत के मौज़ूदा आर्थिक हालात के संदर्भ में आने वाला वक़्त कैसा होगा इसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते हैं।’जो आने वाला है, ‘वह आपने अपनी ज़िंदगी में देखा भी नहीं होगा। इस देश को रोज़गार देने वाली रीढ़ की हड्डी स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज़ टूट गई है।
राहुल ने आगे कहा कि, ‘पिछले कुछ वर्षो में मीडिया और भाजपा नेताओं ने देश की जनता से सच को छुपाया है। धीरे -धीरे सच सामने आएगा। श्रीलंका में यही हो रहा है। वहा सच्चाई सामने आई है। भारत में सच सामने आएगा।’ मीडिया से बात – चीत के दौरान यह भी कहा कि,भारत को बाटा गया है। पहले भारत एक देश हुआ करता था। अब इसमें अलग – अलग देश बना दिए गए हैं और सबको एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। जब यह दर्द आएगा तो हिंसा आएगी। अभी मत मानो मेरी बात दो तीन वर्षो तक रुक जाओ फिर देख लेना।
गौरतलब है कि,श्रीलंका इस वक्त सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका के ऊपर इतना विदेशी कर्ज हो गया है कि वो ‘दिवालिया’ होने की कगार पर आ गया है। इस आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका सरकार स्कूली बच्चों की परीक्षा भी नहीं करवा पा रही है। इसके साथ ही श्रीलंका कई समस्यायों का सामना कर रही है।
श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल की इतनी किल्लत हो गई है कि, पेट्रोल पंपों पर लंबी- लंबी लाइनें लग रही हैं। इस लाइन के भीड़ में कोई हंगामा न हो इसके लिए श्रीलंका सरकार ने सेना के जवानों को तैनात किया गया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार काफी घट गया है। इस वजह से पेट्रोल-डीजल का आयात मुश्किल हो रहा है। महंगाई भी आसमान छू रही है। रसोई गैस के लिए भी लोग खाली सिलेंडर लिए घंटों लाइन में खड़े दिख रहे हैं। पेट्रोल के लिए लाइनों में खड़े चार लोगों की मौत भी हो चुकी है। महंगाई की वजह से लोगों का खर्चा चार गुना बढ़ गया है।
विदेशी मुद्रा की कमी की वजह से श्रीलंका पड़ोसी देशों से इन चीजों को खरीद भी नहीं पा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि देश में स्कूली छात्रों की परीक्षा के पेपर छापने के लिए कागज और स्याही तक के पैसे नहीं है। इस वजह से परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। श्रीलंका को इस वक्त अनाज, तेल और दवाओं की खरीद के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। हाल में भारत ने श्रीलंका को एक अरब डॉलर का कर्ज देने का वादा किया है। चीन भी ढ़ाई अरब डॉलर का कर्ज दे सकता है। श्रीलंका पर चीन का पहले से ही काफी कर्ज है।
श्रीलंका बिजली संकट का भी सामना कर रहा है। मार्च की शुरुआत में श्रीलंका ने देश में अधिकतम साढ़े सात घंटे तक की बिजली कटौती का एलान किया था। श्रीलंका के केंद्रीय बैंक की ओर से फरवरी में जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी 2022 में 24 .8 फीसदी घट कर 2 .36 अरब डॉलर रह गया था। रूस-यूक्रेन में छिड़ी जंग के चलते भी श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हो रही है। क्योंकि रूस श्रीलंका की चाय का सबसे बड़ा बाजार रहा है। इसके साथ ही रूस और यूक्रेन से बड़ी तादाद में श्रीलंका पर्यटक भी आते हैं। रूबल की गिरती कीमत, जंग और रूस यूक्रेन की ओर से चाय की घटती खरीद की वजह से श्रीलंका को दोहरी मार पड़ रही है।
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