भारतीय सेना ने राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों के मद्देनजर अपने सभी सैनिकों और कर्मियों से 89 एप अपने मोबाइल फोन से डिलिट कर देने को कहा है। जिन 89 एप को सेना ने हटाने को कहा है, उनमें स्वीडिश कॉलर आइडेंटिफिकेशन एप ट्रूकॉलर का नाम भी शामिल है। ट्रूकॉलर ने प्रतिबंधित एप्लिकेशन की सूची में खुद को शामिल किए जाने को लेकर गुरुवार को एक बयान जारी किया। उसने कहा कि भारतीय सरकार का यह कदम अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
कंपनी के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, “यह जानना निराशाजनक और दुखद है कि ट्रूकॉलर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा उसके कर्मियों के लिए प्रतिबंधित 89 एप की सूची में शामिल है।” कंपनी ने आगे कहा, “ट्रूकॉलर नागरिकों और हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों के उपयोग के लिए सुरक्षित है। हमें ट्रूकॉलर के इस सूची में होने का कोई कारण नहीं दिखाई दे रहा है और हम इस मामले की आगे जांच करेंगे।”
बता दें कि स्वीडिश कंपनी ट्रूकॉलर का मुख्यालय स्टॉकहोम में है। यह एप अज्ञात व्यक्ति द्वारा की गई कॉल की जानकारी देता। जैसे व्यक्ति दूसरी ओर से कॉल करने वाले व्यक्ति की कॉलर आईडी का पता लगाने में सक्षम होता है। इसके साथ ही यह एप किसी भी तरह की स्पैम कॉल का पता लगाने, संदेश भेजने और अन्य कई आकर्षक ऑफर भी प्रदान करता है।
अपने बयान में कंपनी ने कहा, “ट्रूकॉलर भारत में 17 करोड़ से अधिक लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करता है, जो हर दिन करोड़ों स्पैम कॉल और एसएमएस की पहचान और उन्हें अवरुद्ध करता है।”
अपने बयान में यह भी कहा गया कि वैश्विक स्तर पर ट्रूकॉलर के अधिकांश कर्मचारी भारतीय हैं। कंपनी ने दावा किया कि प्लेटफॉर्म न तो फोनबुक अपलोड करता है और न ही उपयोगकर्ता (यूजर्स) का डेटा बेचता है। कंपनी ने सेना द्वारा इस एप को हटाने के कदम को अनुचित और अन्यायपूर्ण करार देते हुए इसे हर प्रकार से एक सुरक्षित एप बताया।
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने अपने सभी कर्मियों से राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए न केवल टिकटॉक जैसे चीनी एप शामिल हो हटाने को कहा है बल्कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, जूम और रेडिट के साथ ट्रूकॉलर जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म को भी अनइंटाल कर देने को कहा है।