दिल्ली में एतिहासिक जीत के साथ सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी अपने विस्तार के लिए छटपटा रही है। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी देश भर में चार सौ से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी थी। मगर उन्हें हार मिली। जिसके बाद आम आदमी पार्टी रणनीति बदलते हुए राज्यों में अपना विस्तार करने में लगी है। इसी प्रक्रिया के तहत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छतीसगढ़ में अपना भाग्य अजमा रही है। छतीसगढ़ में एक कदम आगे बढ़ते हुए उसने एक आदिवासी युवा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पहली बार किस्मत अजमा रही आम आदमी पार्टी ने आदिवासी समाज के युवक को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में प्रस्तुत किया है। पार्टी इसके माध्यम से आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के वोटों में सेंध लगाने की कोशिश में है। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। पार्टी ने 84 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। पार्टी ने 37 वर्ष के युवक कोमल हुपेंडी को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश कर अन्य राजनीतिक दलों को चौंका दिया है। हुपेंडी राज्य के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के मुंगवाल गांव के निवासी हैं।
आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने 10 अक्टूबर को बताया कि हुपेंडी राज्य में मुख्यमंत्री पद के सबसे युवा उम्मीदवार हैं। इतिहास में एमए तक पढ़ाई करने वाले हुपेंडी वर्ष 2005 बैच में सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राय ने बताया कि हुपेंडी ने वर्ष 2016 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और आम आदमी पार्टी के सदस्य बन गए थे।
आप नेता ने बताया कि हुपेंडी ने दो किताब लिखी हैं और राज्य में आदिवासियों के लिए हुल्की महोत्सव, कोलांग महोत्सव और पर्रा जलसा की शुरूआत की थी। राय के मुताबिक हुपेंडी गरीब आदिवासी युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं तैयारी कराते हैं और शराब बंदी को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं। आप के प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर ने कहा कि राज्य में आदिवासी और किसान समेत समाज के सभी वर्ग अब आम आदमी पार्टी पर भरोसा कर रहे हैं। राज्य में बीजेपी के पिछले 15 वर्ष के शासनकाल में सरकार ने इस वर्ग को भुला दिया है। वहीं लोगों को कांग्रेस पर भरोसा नहीं है।
ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्माण आदिवासियों और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए हुआ था। लेकिन यह अभी तक नहीं हो पाया है। उनकी पार्टी चाहती है कि राज्य में आदिवासी क्षेत्रों का विकास हो। मुख्यमंत्री पद के लिए आदिवासी युवा को इसीलिए सामने लाया गया है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं। इनमें से 49 सीटों पर बीजेपी का और 39 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं एक-एक सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायक हैं। राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं जो राज्य में सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान आप राज्य की 11 सीटों में 10 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।
लोकसभा चुनाव में पार्टी को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का फरफॉर्म कैसा रहता है, यह देखना होगा।