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त्रासदी: दम तोड़ता भारत, कई हजार करोड़ का खड़ा होता प्रधान सेवक का महल

भारत में कोरोना महामारी को लेकर हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। ऑक्सीजन की कमी के चलते हर दिन हजारों लोग दम तोड़ रहे है। देश में कोरोना संक्रमितों का आकड़ा दो करोड़ से पार हो गया है। अब तक देश में दो करोड़ 2 लाख 75 हजार से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके है।

पहली बार भारत में एक दिन के अंदर रिकॉर्ड 3.18 लाख लोग रिकवर हुए हैं। एक तरफ देश कोरोना की महामारी को झेल रहा है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री का नया निवास जो सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है, दिसंबर 2022 तक तैयार हो जाएगा।

पर्यावरण मंत्रालय के परवेश पोर्टल पर सोमवार को सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में बताया गया है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की विशेपज्ञ समिति ने 10 सामान्य इमारतें, पीएम आवास और इसके सुरक्षा समूह आवास, केंद्रीय सम्मेलन केंद्र को मंजूरी मिल गई है। यह सभी इमरतें प्रसिडेंट एन्क्लेव में आती है।

इस परियोजना को विकसित कर रहे सीपीडब्ल्यूडी ने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) को सूचित किया कि संसद की इमारत के विस्तार और संसद की नई इमारत का निर्माण नवंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा और प्रधानमंत्री आवास का निर्माण 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय पहले ही संसद की मौजूदा इमारत के विस्तार व नवीकरण को मंजूरी दे चुका है जो 13450 करोड़ के सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है।

पिछले महीने हुई एक बैठक में ईएसी ने साझा केंद्रीय सचिवालय इमारत और प्रधानमंत्री आवास के पुनर्विकास के लिये पर्यावरण मंजूरी की अनुशंसा की थी। सीपीडब्ल्यूडी के मुताबिक साझा केंद्रीय सचिवालय इमारत का निर्माण मई 2023 तक हो जाएग। 12 भवनों के लिए 12 अप्रैल को स्वीकृति दी गई थी जिसमें कार्यालय परिसर और सम्मेलन केंद्र शामिल थे, 10 भवन जिसमें प्रधान मंत्री निवास, एक विशेष सुरक्षा समूह भवन और उप-राष्ट्रपति के एन्क्लेव बनाने वाले 29 भवन शामिल होंगे।

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नई दिल्ली नगरपालिका परिषद भवनों के चालू होने पर कुल 7,818 केएलडी पानी और 73,440 किलोवाट बिजली प्रदान करेगी। पूरे क्षेत्र में कचरे के उपचार के लिए नौ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। विस्टा क्षेत्र में वर्तमान में 4,642 पेड़ हैं, 1,412 को बरकरार रखा जाएगा और 3,230 को प्रत्यारोपित किया जाएगा।

क्या है सेंट्र्ल विस्टा प्रोजेक्ट?

सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसका निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा होना है। उसी वर्ष भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। 10 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी।

बढ़ रही है जनता में नाराजगी

एक तरफ यहां इस प्रोजेक्ट पर करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे है, तो दूसरी तरफ लोग कोरोना महामारी के चलते ऑक्सीजन की कमी से मर रहे है। लोग पीएम के इस महत्वाकाक्षी प्रोजेक्ट को लेकर उन पर सवाल खड़े कर रहे है।

अस्पतालों की अच्छी व्यवस्था न होने के कारण लोग अपने घरों में आइसोलेशन होने को मजबूर है। केंद्र सरकार राज्यों को ऑक्सीजन तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है।

पीएम केयर फंड को लेकर भी पारदर्शिता का अभाव है। कोरोना की पहली लहर के बाद स्वास्थ्य सुविधाएं को चुस्त दुरुस्त रखने की बजॉय केंद्र सरकार का फोकस सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर केंद्रित रहना और दम तोड़ रहे देश के खजाने से बीस हजार करोड़ को इस प्रोजेक्ट में जुटाए जाना सरकार के मानवीय सरोकारों को लेकर बड़े प्रशन खड़े कर रहा है।

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