दो दिनों के ऐतिहासिक दौरे पर रूस के व्लादिवोस्तोक पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. साझा प्रेस वार्ता में दोनों नेताओं के सामने कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, साथ ही साथ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के मसले पर कहा कि भारत हमेशा स्वतंत्र अफगानिस्तान की आशा करता है। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि भारत-रूस मानते हैं कि किसी देश के आंतरिक मसले में किसी तीसरे देश को दखल नहीं देना चाहिए।
यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी 2001 की रूस यात्रा को याद करते हुए ट्विटर पर तस्वीरें साझा की। प्रधानमंत्री ने 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत पूरी करने के बाद ये तस्वीरें साझा की। कल वह मुख्य अतिथि के रूप में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने तस्वीरों के साथ लिखा कि आज 20वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए मेरा मन नवंबर 2001 में आयोजित भारत-रूस शिखर सम्मेलन में चला गया जब अटल जी प्रधानमंत्री थे। उस समय मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
प्रधानमंत्री ने जो तस्वीरें साझा की है उनमें से एक में वो अटल बिहारी वाजपेयी के पास बैठकर किसी दस्तावेज पर दस्तखत करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तस्वीर में वह तत्कालीन रक्षा मंत्री जसवंत सिंह के साथ खड़े हैं।
अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने मुझे ऐसा महसूस नहीं कराया कि मेरा कम महत्व है या मैं एक छोटे से राज्य से हूं या नया हूं। उन्होंने मेरे साथ दोस्त की तरह व्यवहार किया। इससे दोस्ती के दरवाजे खुले।
इससे पहले मोदी ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात का पहला अवसर 2001 में मिला था। मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मॉस्को आया था। मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री था और वह हमारी पहली मुलाकात थी।
मोदी ने कहा कि हमने न केवल अपने राज्यों से जुड़े विषयों पर बात की, बल्कि कई मुद्दों पर, हमारी रुचियों पर और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत हुई। हमने खुलकर साझेदारों की तरह बात की। पुतिन बात करने के लिहाज से बड़े दिलचस्प व्यक्ति हैं और मैं मानता हूं कि हमारी बहुत ज्ञानवर्धक बातचीत हुई।
मोदी आज रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि यह मंच केवल विचारों के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है। हम छह महीने से इस फोरम के लिए तैयारी कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि दोनों देशों के बीच कुल 15 एमओयू(mou ) पर साइन हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल मई में एक बार फिर रूस के दौरे पर जाएंगे, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें वर्ल्ड वॉर-2 में रूस की जीत के 75 साल पूरे होने वाले जश्न में न्योता दिया है।
साझा प्रेस वार्ता में पुतिन ने भारत के साथ संबंधों की चर्चा की और पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। पुतिन ने साझा प्रेस वार्ता में कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी सामरिक हैं, हम लगातार अपनी दोस्ती को मजबूत बना रहेहैं। हम लगातार संपर्क में रहते हैं और दोनों देशों के बीच लगातार कई बैठकें हो रही हैं , इससे पहले हम दोनों की मुलाकात ओसाका में हुई थी, दोनों नेता लगातार खुले और बढ़िया वातावरण में बातचीत कर रहे हैं।
पुतिन ने कहा कि पिछली बैठक में हमने जो फैसला लिए था , उसकी आज समीक्षा की,उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता निवेश और व्यापार है, दोनों के व्यापार में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मुझे विश्वास है कि दोनों देश कई और मोर्चे पर साथ आगे बढ़ेंगे।
रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि आज सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा में समझौते हुए हैं। पुतिन ने कहा कि हम भारत की कंपनियों का रूस में स्वागत करना चाहते हैं. भारत और रूस के बीच हथियारों को लेकर काफी अच्छे संबंध हैं, हम भारत में मिसाइल सिस्टम और रायफल बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। और सामरिक तौर पर दोनों देशों का इतिहास काफी पुराना है।
गौरतलब है कि आज दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, इनमें डिफेंस-व्यापार-टूरिज्म-ऊर्जा से जुड़े क्षेत्र अहम रहे। कल पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में शामिल होंगे।