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अमेरिका में बवंडर से मची तबाही

विश्व में सबसे अधिक कोरोना महामारी ने अमेरिका को प्रभावित किया है। लेकिन धीरे-धीरे अमेरिका का जनजीवन पटरी पर आने लगा है। कोरोना महामारी के बाद अमेरिका को अब प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही अमेरिका में आए बवंडरों का प्रकोप कई राज्यों में रहा और वो अपने पीछे कई शहरों में भारी तबाही छोड़ गए जानोमाल का सबसे ज्यादा नुकसान केंटकी राज्य में हुआ, जहां के राज्यपाल ने कहा है कि खोजी कुत्तों को अभी भी लाशें मिल रही है।

साल के इस समय बवंडरों का आना एक दुर्लभ घटना माना जा रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे अमेरिकी इतिहास की “सबसे बड़ी” तूफानी घटनाओं में से एक बताया. इस समय 94 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या अभी बढ़ सकती है।

केंटकी के राज्यपाल ऐंडी बेशियर ने एक समाचार वार्ता में कहा, “हमें सबसे पहले तो साथ मिल कर शोक मनाना है और उसके बाद हम साथ मिल कर फिर से अपने राज्य को बनाएंगे।”

80 से ज्यादा लोग अकेले केंटकी में मारे गए हैं जिनमें से कई मेफील्ड नगर में मोमबत्ती बनाने की एक फैक्ट्री में काम करते थे। बेशियर ने पहले कहा था कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के मालिक को और लोगों की खबर मिली है।

उन्होंने कहा कि अगर मरने वालों की संख्या में कमी होती है तो यह “बहुत अच्छा” होगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वो अभी इस जानकारी की पुष्टि नहीं कर पाए हैं. इलिनॉय के ऐडवर्ड्स्विल शहर में अमेजॉन के एक गोदाम में रात की शिफ्ट में काम कर रहे लोगों में से छह की मौत हो गई।

टेनिसी में चार लोग मारे गए, अर्कांसस और मिसूरी में दो-दो लोगों की मौत हो गई। मिसिसिपी में भी बवंडरों का असर रहा । मेफील्ड में रहने वाले 69 साल के बिल्डर डेविड नॉर्सवर्दी ने बताया कि तूफान में उनके घर की छत और आगे का बरामदा उड़ गया और उनके परिवार को एक शेल्टर में छिपना पड़ा।

तूफान में इतनी ताकत थी कि उसे इतिहास के सबसे बड़े तूफानों में से माना जा रहा है। तूफानों की खबर रखने वालों ने बताया कि उसने मलबे को हवा में 30,000 फुट तक उठा दिया था। मेफील्ड के बवंडर ने तो लगभग 100 सालों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। उसकी रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा थी।

राज्यपाल बेशियर ने कहा कि उन्होंने ऐसा विध्वंस अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा अधिकारियों ने मेफील्ड को “ग्राउंड जीरो” बताया. 10,000 लोगों की आबादी वाले इस शहर में हर तरफ सर्वनाश जैसा नजारा था।

पूरे के पूरे मोहल्ले ढह गए थे, ऐतिहासिक मकान और घरों में भी बस सिल्लियां बाकी रह गई थीं । पेड़ों की भी टहनियां उखड़ गई थीं और मैदानों में गाड़ियां उल्टी पड़ी थीं. वहां की महापौर केथी ओ’नान ने कहा कि शहर “माचिस की तीलियों” जैसा लग रहा है।

पूरे इलाके में करीब 30 बवंडरों के आने की बात कही जा रही है। फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी डीन क्रिसवेल ने सीएनएन को बताया, “अब यही हमारा ‘न्यू नॉर्मल’ है और जलवायु परिवर्तन के जो असर हम देख रहे हैं वो हमारी पीढ़ी का सबसे बड़ा संकट है।”

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