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आज मनाया जा रहा है 16वां प्रवासी भारतीय दिवस

आज मनाया जा रहा है 16वां प्रवासी भारतीय दिवस

देश आज 16वां प्रवासी भारतीय दिवस मना रहा है। हर किसी के दिमाग में एक बात जरूर आती है कि आखिर 9 जनवरी को ही प्रवासी भारतीय दिवस क्यों मनाया जाता है। अगर आप भी इसी सोच में है तो आइए जानते है कि प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को क्यों मनाया जाता है?

महात्मा गांधी जब 1893 में दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत पहुंचे तो वहां पर उन्हें रंगभेदी नीति का सामना करना पड़ा। महात्मा गांधी चुप नहीं बैठे। इस नीति के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई क्योंकि ये पूरे भारतीयों के सम्मान की बात थी।

कड़ी मेहनत और काफी संघर्ष के बाद महात्मा गांधी अपने इस मिशन में कामयाब हो गए और 22 साल बाद अपनी इस जीत के साथ वो 9 जनवरी 1915 को भारत लौटे।

दुनिया भर में बसे प्रवासियों से नाता जोड़ने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। 2003 से लगातार ये दिवस हर साल मनाया जा रहा है।

अब तक देश की कई जगह पर इस कार्यक्रम को मनाया गया। विश्व बैंक ने ‘माइग्रेशन एंड रेमिटेंस’ नाम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने देश में विदेशी मुद्रा भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी सबसे आगे हैं।

रिपोर्ट बताती है कि प्रवासी भारतीयों ने साल 2018 में 80 अरब डॉलर (57 हजार करोड़ रुपए) भारत भेजे।

दुनियाभर के 200 देशों में रह रहे करीब तीन करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीय अलग-अलग देशों में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

इसलिए प्रवासी भारतीय दिवस के दिन हमें भी विदेश में रह रहे भारतीय प्रवासियों की परेशानी जाननी चाहिए और जितना हो सकें उसे दूर करने को कोशिश करनी चाहिए। प्रवासी भारतीय देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ ही विदेशों में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक भी हैं।

बात नासा में काम कर रहे वैज्ञानिकों की हो या फिर डॉक्टरों की या बात करें कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की अमेरिका में बसने वाला हर दूसरा भारतीय ही मिलेगा।

इसलिए हमें यह जानकर खुशी होनी चाहिए कि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में काम करने वाले लोगों में 36 फीसदी भारतीय हैं। इसी तरह अमेरिका में काम में लगे हुए डॉक्टरों में से 38 फीसदी और वैज्ञानिकों में 12 फीसदी भारतीय हैं।

 

 

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