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Country Uttarakhand

तीरथ के तीर, घाव करे गंभीर

उत्तराखंड के नए निजाम नए तेवर और नई सोच के साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। महज 3 दिन पूर्व जब प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बने तो हर कोई उनकी कार्यशैली को लेकर पशोपेश में था । लेकिन 24 घंटे में ही उन्होंने अपनी स्पष्ट नीति और तीखे तेवरों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत के फैसलों को उलट – पलट कर दिखा दिया कि वह जनहित में कोई भी फैसला लेने में पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही महज 24 घंटे के समय में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार फैसलों को पलट कर तीरथ ने एक तीर से कई निशाने साध दिए हैं।

उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सबसे पहले कुंभ की उस व्यवस्था में परिवर्तन किया है जिसमें हरिद्वार आने के लिए कोविड-19 का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता था। नई व्यवस्था के तहत तीरथ सिंह रावत ने रजिस्ट्रेशन सिस्टम निरस्त करा दिए है। इसी के साथ ही कुंभ को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी को भी ताक पर रखते हुए तीरथ ने साफ कर दिया है कि कुंभ में आने वालों पर अब कोई रोक – टोक नहीं होगी ।

गौरतलब है कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने कड़े फैसले लागू किए थे। जिसमें सभी यात्रियों से कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट लाने की शर्त लगाई गई थी। इस मामले में सीएम तीरथ का कहना है कि कोविड नेगटिव रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता अब 1 अप्रैल से नहीं होगी।

इसी के साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ मामलों में तेजी लाते हुए कहा कि कुंभ वाली जगहों पर श्रद्धालुओं की जरूरी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। अगर किसी भी एक्स्ट्रा व्यवस्था किए जाने की जरूरत है तो उसका प्रस्ताव दो दिन के भीतर सरकार को मुहैया कराया जाए। सीएम तीरथ सिंह रावत ने विभाग के सचिवों को कुंभ के लिए किए जा रहे कामों की समीक्षा और वहां के दौरे के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों पर महाशिवरात्रि से भी बेहतर व्यवस्था कुंभ में होनी चाहिए।

इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे, उन पर से मुकदमे हटाने के भी आदेश नए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा चुके हैं । यही नहीं बल्कि रातो रात पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट 4 साल के कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया गया है। यही नहीं बल्कि इस कार्यक्रम को प्रदर्शित करते हुए शहरों और गांवों में लगे होर्डिंग और पोस्टर हटा दिए गए हैं।

त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद जब तीरथ सिंह रावत ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, तो उन्होंने कहा था कि वह त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे, लेकिन शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने त्रिवेंद्र सरकार के कई बड़े फैसलों को पलट कर ये साबित कर दिया है कि उत्तराखंड में अभी सबकुछ सामान्य नहीं है।

याद रहे कि सबसे पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय में चार साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश की हर विधानसभा में भव्य कार्यक्रमों की तैयारी थी। ‘बात कम ,काम ज्यादा’ की तर्ज पर सरकार पूरे प्रदेश में चार साल की उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाने की तैयारी में थी। जिसके लिए पहले खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से ऐलान किया गया था। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस फैसले को खत्म करते हुए यह संदेश भी देने का काम किया है कि नई सरकार पुरानी सरकार के क्रियाकलापों को आगे बढ़ाकर नहीं बल्कि अपने नए कामों के आधार पर मिशन 2022 की तैयारी करेंगी।

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