केंद्र की मोदी सरकार पिछले 5 साल के कार्यकाल के दौरान विदेशों से ब्लैक मनी लाने और काला धन जमा करने वाले लोगों के नाम उजागर करने का दावा करती रही । जिसमें भाजपा सरकार को सफलता नहीं मिली । लेकिन लगता है इस बार मोदी सरकार इस मामले पर कड़ा रुख अपना रही है । इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं । पता चला है कि मोदी सरकार आज अपनी इस महत्वपूर्ण घोषणा की शुरुआत कर कालेधन का सच उजागर करने जा रही है । जिसके तहत आज से काले धन के खिलाफ विगुल बज सकता है । इससे ब्लैक मनी अर्जित करने वाले लोगों में भय का माहौल बताया जा रहा है ।
जानकारी के अनुसार कालेधन के विरुद्ध आज बड़ी कार्रवाई होने जा रही है । स्विस बैंक में जिन लोगों का कालाधन जमा है, आज उनके नाम उजागर किए जा सकते है । बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में स्विस बैंक के अधिकारी भारत पहुंचे हैं ।भारत और स्विटजरलैंड के टैक्स अधिकारियों के बीच 30 अगस्त को इस मुद्दे पर अहम् बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों देश के अधिकारियों ने उन नामों का खुलासा किया, जिन्होंने एक दूसरे के देशों में कालाधन छिपा कर रखा था ।
यहा यह भी बताना जरुरी है कि इसी साल जून में स्विस सरकार ने विदेशी बैंकों में कालाधन रखने वाले 50 भारतीय कारोबारियों के नाम उजागर किए गये थे। स्विस अधिकारियों ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा था। इनमें ज्यादातर कोलकाता, मुंबई, गुजरात और बेंगलुरु के लोग थे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कालेधन से लड़ाई के विरुद्ध इस कदम को काफी महत्वपूर्ण करार दिया है । बोर्ड ने कहा है कि सितंबर से स्विस बैंक से जुड़ी गोपनीयता का दौर ख़त्म हो जाएगा ।
गौरतलब है कि सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाता है । इस कदम को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि काले धन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में एक अहम् कदम है और स्विस बैंकों के गोपनीयता का युग आखिरकार सितंबर से ख़त्म हो जाएगा । वहीं सीबीडीटी ने कहा था कि भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के वर्ष 2018 में बंद किए खातों की जानकारी भी दी जाएगी ।
सीबीडीटी ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के वर्ष 2018 में बंद किए खातों का ब्यौरा मिलेगा । कालेधन के खिलाफ जारी सरकार की लड़ाई के लिए यह एक बड़ा कदम होगा और स्विस बैंकों के गोपनीयता का युग आखिरकार सितंबर से समाप्त हो जाएगा ।
याद रहे कि इस साल लोकसभा में जून महीने में वित्त पर स्टैंडिंग कमिटी की एक रिपोर्ट पेश की गई थी । जिसके मुताबिक साल 1980 से साल 2010 के बीच 30 साल के दौरान भारतीयों के जरिए लगभग 246.48 अरब डॉलर यानी 17,25,300 करोड़ रुपये से लेकर 490 अरब डॉलर यानी 34,30,000 करोड़ रुपये के बीच काला धन देश के बाहर भेजा था।