किसान आंदोलन अब लंबा चल सकता है। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत चाहते हैं कि आंदोलन का कुछ हल निकले। हालांकि पूर्व में केंद्रीय कृषि मंत्री रमेश तोमर के साथ किसान नेताओं की 12 बार वार्ता हो चुकी है । लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला था ।
फिलहाल, भारतीय किसान यूनियन नेता नरेश टिकैत अब आगे आए हैं। उन्होंने एक फार्मूला रखा है। यह फार्मूला है कि अगर राजनाथ सिंह आगे आए तो किसान आंदोलन का कोई हल निकल सकता है । साथ ही वह बाराबंकी की किसान पंचायत में यह भी कहते हैं कि राजनाथ सिंह पिंजरे में बंद तोते की तरह है। उन्हें किसानों से बात करने की छूट मिले तभी यह संभव है।
टिकैत का यह कहना सीधे तौर पर भाजपा की आंतरिक राजनीति पर कूटनीतिक वार करार दिया जा रहा है । सभी जानते हैं कि इस समय भाजपा में मोदी और शाह नामक दो धूरी है। जिनके इर्द-गिर्द पार्टी घूम रही हैं।
जबकि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हाशिए पर है । राजनाथ सिंह को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का प्रिय नेता माना जाता है । माना जाता है पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसान राजनीति में राजनाथ सिंह की गहरी पैठ है । यही नहीं बल्कि भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत कभी उनके करीबियों में गिने जाते थे ।
शायद यही वजह है कि भाजपा ने उनके पुत्र और नोएडा के विधायक पंकज सिंह को मेरठ का जिला व महानगर प्रभारी बनाकर भेजा है । इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों मे घुसपैठ करने की योजना बताया जा रहा है। पंकज का मेरठ का महानगर और जिले का अध्यक्ष बनाया जाना इसी रणनीति का एक हिस्सा है।