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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी की कानूनी दिक्कतें तेजी से बढ़ती जा रही हैं। राज्य सरकार के स्कूल सेवा आयोग में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद से ही ममता सरकार चौतरफा संकटों से घिर चुकी है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य के सरकारी स्कूलों में टीचरों की भर्ती में कथित भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से करवाने का आदेश दे डाला था। इस मामले में सख्त कार्यवाही करते हुए अदालत ने ममता सरकार में शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी की बतौर स्कूल टीचर की गई नियुक्ति को भी अवैध करार देते हुए न केवल अंकिता को बर्खास्त कर दिया है बल्कि जब से वह टीचर नियुक्ति हुई तब से उसे मिले वेतन को भी उससे वसूलने जाने के आदेश दे दिए हैं। सीबीआई ने भी तेजी से इस प्रकरण में अपनी जांच शुरू कर दी है।

इस कथित घोटाले में तृणमूल नेता और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और वर्तमान शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी से सीबीआई ने पूछताछ शुरू कर दी है। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण को बड़ा मुद्दा बनाते हुए ममता सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। हाईकोर्ट के सख्त रूख के बाद स्कूल सेवा आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने अपना इस्तीफा राज्य सरकार को सौंप डाला है। तृणमूल सरकार पर बीरभूम जिले में मार्च माह की हिंसा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बीरभूम में आठ लोगों को जिंदा जला कर मार दिया गया था। इस नृशंस हत्याकांड के मूल में तृणमूल नेता भादो शेख की हत्या थी जिसे 21, मार्च 2022 को मार दिया गया था। शेख की हत्या बाद उसकी हत्या के शक में आठ घरों में आग लगा दी गई जिसमें आठ जिंदा जल गए और एक की बाद में मृत्यु हो गई थी। इस मामले की भी जांच सीबीआई कर रही है।

भाजपा ने इस पूरे प्रकरण के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पुलिस प्रशासन की इस हिंसा में भूमिका पर सवाल उठाए हैं। ममता बनर्जी ने इस हिंसा की जांच एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम से कराए जाने की घोषणा की थी लेकिन हाईकोर्ट ने मामला सीबीआई के हवाले कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखने वाले ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रूजिरा बनर्जी पहले से ही कोयला घोटाले से जुड़ी ईडी की जांच में बुरी तरह फंस चुके हैं। हालांकि गत् सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पति-पत्नी को थोड़ी से राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है लेकिन यह मात्र तात्कालिक राहत है। कोयले की तस्करी से जुड़े इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के एक पूर्व युवा नेता विनय मिश्रा के खिलाफ इस मामले में गिरफ्तारी का वारंट जारी हो चुका है।

अभिषेक बनर्जी के निकटवर्त्ती कहे जाने वाले विनय मिश्रा ने भारतीय नागरिकता त्याग एक छोटे से द्वीप वानूआतू में शरण ले ली है। वानूआतू गणराज्य दक्षिण प्रशांत महासागर स्थित एक द्वीप राष्ट्र है, जहां से मिश्रा को वापस लाए जाने की कानूनी तैयारी शुरू किए जाने की खबर है। तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि गत् वर्ष हुए विधानसभा चुनावों और उसके राज्य में हुए पंचायत चुनावों में मिली करारी हार से बौखला कर भाजपा केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर तृणमूल सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र रच रही है। दूसरी तरफ भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि ममता सरकार आंकठ भ्रष्टाचार से डूबी हुई है और केंद्रीय एजेंसियों की जांच पश्चिम बंगाल में गहरी पैठ बना चुके इस भ्रष्टाचार का सच सामने लाने का काम कर रही हैं। कुल मिलाकर ममता बनर्जी और उनकी सरकार की मुसीबतें आने वाले समय में ज्यादा विकराल रूप लेती नजर आने लगी हैं।

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