दिल्ली की राजनीति में बड़ा नाम रहे तीन दिग्गजों का एक बरस के भीतर निधन राष्ट्रीय राजधानी के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा शून्य का कारण बन गया है। भाजपा के कद्दावर नेता मदन लाल खुराना दिल्ली में भाजपा का सबसे दमदार चेहरा थे। 1993 से 1996 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे खुराना को दिल्ली में भाजपा का मजबूत संगठन बनाने के लिए पहचाना जाता है। उनके साथ केदारनाथ साहनी और विजय मेहरोत्रा दिल्ली में बड़े भाजपा नेता थे।
खुराना वाजपेयी की सरकार में संसदीय कार्यमंत्री भी रहे। बाद में उन्हें 2004 में राजस्थान का राज्यपाल भी बनाया गया। 27 अक्टूबर 2018 को लंबी बीमारी के बाद खुराना का निधन हो गया। 20 जुलाई, 2019 को दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित का निधन हो गया। खुराना की भांति दीक्षित को कांग्रेस की दिल्ली में जड़े जमाने का श्रेय जाता है। राजीव सरकार में मंत्री रहे दीक्षित अल्पकाल के लिए केरल की राज्यपाल भी रहीं। 6 अगस्त को एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज का मात्र 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया। दिल्ली की पांचवी मुख्मयंत्री सुषमा स्वराज मात्र तीन माह के लिए मुख्यमंत्री रहीं लेकिन दिल्ली की राजनीति में उनका दखल बराबर रहा।