देश में जब से नए कृषि कानून पारित हुए हैं तब से लगातार इन कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है । देशभर से लगभग 40 हजार महिलाएं उन प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचेंगी जहां किसान आंदोलन चला रहे हैं। महिला दिवस पर देश में अलग-अलग जगह पर महिला शक्ति का परिचय देते हुए महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसे ही किसान महिलाएं भी हैं जिन्हें सुपरवुमन की तरह देखा जाता है जो घर भी संभालती हैं, खेत भी संभालती हैं और जब फिर जरूरत पड़ जाए तो आंदलनों को भी संभाल लेती हैं।
आपने इन महिलाओं को खेतों में काम करते हुए देखा होगा या प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए अलग-अलग जगहों पर खाना बनाते देखा गया होगा। आज महिला दिवस के मौके पर महिला शक्ति का प्रदर्शन करने महिला प्रदर्शनकारी आंदोलन स्थलों पर पहुंच रही हैं।
कई हजार महिला प्रदर्शनकारी पंजाब, हरियाणा के तमाम जिलों में से ट्रैक्टर चला कर दिल्ली पहुंच रही हैं, महिला दिवस के मौके पर ये महिला प्रदर्शनकारी सभी प्रदर्शन स्थलों का केंद्र रहेंगी। किसान नेताओं ने कहा कि कृषि और जीवन में महिलाओं की भूमिका को स्वीकार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की विस्तृत व्यवस्था की गई है।
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव कहते हैं, “संयुक्ता किसान मोर्चा ने हमेशा आंदोलन के दौरान महिला किसानों की शक्ति को महत्व दिया है। महिलाएं सभी स्थलों पर विरोध प्रदर्शन करेंगी। चाहे वे टोल बैरियर हों या स्थायी विरोध स्थल। यह उनका दिन है।”
किसान यूनियनों ने दावा किया है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की लगभग 40 हजार महिलाएं दिल्ली में विरोध स्थलों पर एकत्र होंगी, जिनमें सिंधु ,टिकरी और गाजीपुर सीमाएं शामिल हैं। हर किसान संघ की अपनी महिला शाखा है, लेकिन भारतीय किसान संघ की यह शाखा(उगरहन) में सबसे बड़ी है।
किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि ये महिलाएं आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाएंगी और फिर बच्चों, खेतों और परिवार के वरिष्ठ सदस्यों की घर पर देखभाल करने के लिए वापस आएंगी।