केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को आजादी उपरांत मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा ने अपने घोषित लक्ष्यों में से एक को अंजाम तक पहुंचाया दिया है। केंद्रीय मंत्रीमंडल के एक ऐतिहासिक फैसले उपरांत अब जम्मु-कश्मीर एक राज्य नहीं है। बल्कि दो केंद्र शासित राज्य के रूप में आ चुका है। इस निर्णय का सीधा प्रभाव निम्न रहेगा।
- जम्मु-कश्मीर का दर्जा राज्य से हट कर केंद्र शासित प्रदेश-जम्मु-कश्मीर और लद्दाख हो गया है।
- दोनों राज्यों में राज्यपाल के बजाए दिल्ली और पुद्दुचेरी की तर्ज पर उपराज्यपाल शासन का प्रमुख होगा।
- दिल्ली और पुद्दुचेरी की भांति जम्मु-कश्मीर में विधानसभा होगी जल्दी लद्दाख में चण्डीगढ़ की तरह सीधे कमान केंद्र के हाथों रहेगी।
- 370 धारा को समाप्त करने के अध्यादेश में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही अब जम्मु-कश्मीर में कोई भी संपत्ति खरीदने और बसने का अधिकार हो गया है।
ट्वीटर पर ‘युद्ध’ शुरू
केंद्र सरकार के फैसले बाद से ही कश्मीर मुद्दे पर ट्वीटर वार शुरू हो चुकी है। फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने ट्ीविट कर कहा ‘कश्मीर समस्या का हल अब हो जायेगा।’ उनके इस ट्ीविट पर वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने काऊंटर ट्वीट करा ‘क्या ये लोग कश्मीर में नरसंहार कराना चाहते हैं। फिर क्या था दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया।