सीमा विवाद को लेकरचीन के साथ बढ़ी तनातनी के बाद भारत हर दृष्टि से स्टार्क है। सीमा पर भारतीय सेना ने सर्दियों के लिए जरूरी सामान जुटाना शुरू कर दिया है। चीन से सटी सीमा पर सर्दियों में तापमान बहुत ही कम होता है, ऐसे में भारतीय सेना ने अभी से राशन स्टाॅक करना शुरू कर दिया है। खबरों के मुताबिक भारतीय सेना हर साल लगभग तीस हजार मैट्रिक टन राशन अपने पास स्टाॅक रखती है, लेकिन इस बार इसको बढ़ाकर दोगुना कर दिया है।
सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व लद्दाख क्षेत्र में तापमान बहुत कम रहने से वहां चुनौती अधिक है। इसलिए हमने राशन जमा करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। गौरतलब है कि 15 जून की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। उस हिंसक झड़प में चीन को भी भारी नुकसान हुआ था जो उसने दुनिया से छुपा के रखा। उस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच विवाद और गहरा गया था।चीन सीमा से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है।
कुछ दिनों पहले चीनी सेना गलवान घाटी से पीछे जरूर हटी थीं, लेकिन उसकी नीयत पर संदेह बराबर बना हुआ है ऐसे में भारत की तीनों सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं । कल 22 जुलाई बुधवार को भी भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की प्रतिक्रिया में भारतीय वायुसेना द्वारा अग्रिम ठिकानों पर अपने संसाधनों तैनाती को लेकर सेना की सराहना करते हुए कहा कि बालाकोट में उसके हमले और मौजूदा युद्ध के तैयारियों ने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया है।
वहीं चीन के खिलाफ अमेरिका प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) में संशोधन को सर्वसम्मति से पारित कर दिया हैं इसमें गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता और दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों और आस-पास में चीन की बढ़ती क्षेत्रीय दबंगई पर सीधा निशाना साधा है। साथ ही कहा गया है कि चीन कोरोना महामारी के बहाने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने चीन के इस विस्तावादी रवैये पर भी चिंता जाहिर की है।