कोरोना वायरस से लड़ाई जारी है। लेकिन इससे सबसे आहत मजदूर और गरीब लोग हुई हैं। लाखों लोग कड़ी धूप और भूख के बावजूद अपने घरों को लौट रहे हैं। ऐसे में कई लोग इनके मदद के लिए आगे आएं है। कुछ ऐसा ही काम करते हुए नजर आए किंग्स इलेवन पंजाब के ऑलराउंडर तेजिंदर सिंह ढिल्लों।
उन्होंने अब तक अपने घर की ओर लौट रहे 10,000 से भी अधिक लोगों को भोजन और पानी की व्यवस्था करवाई। तेजिंदर को जब न्यूज़ चैनल से जब इन मजदूरों की स्थिति का पता चला तो वह काफी आहत हुए। फिर उन्होंने इनकी मदद करने की सोची। तेजिंदर सिंह ढिल्लौं राजस्थान के रहने वाले हैं। ताजिंदर 27 वर्ष के हैं।
तेजिंदर अपने घर के करीब स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग से जा रहे प्रवासियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। किंग्स इलेवन पंजाब की वेबसाइट के अनुसार तेजिंदर ने कहा, ”कानपुर की तरफ जाने वाला मुख्य राजमार्ग मेरे घर से 100 मीटर की दूरी पर है। समाचारों में उस मार्ग के बारे में बताया गया जिसका उपयोग प्रवासी मजदूर घर लौटने के लिए कर रहे हैं। मैंने अपने परिजनों से बात की हमें इन प्रवासी मजदूरों की मदद करनी चाहिए क्योंकि कई के पास तो चप्पल नहीं थे। इसके बाद मैंने उस क्षेत्र में रहने वाले अपने दोस्तों से बात की और हमने प्रवासियों को भोजन पहुंचाने की योजना बनाई।” तेजिंदर आस-पास के लोगों के पास भी मदद के लिए गए, जिससे कि प्रवासियों के लिए सब्जी और रोटी बनाई जा सके।
"Service to the needy is in our blood, it’s part of the Sikh culture and tradition!" – @TajindersinghD6's truly leading by example 🙌🏻#SaddaPunjab #COVID19 https://t.co/rIJyxzk5D9
— Punjab Kings (@PunjabKingsIPL) May 19, 2020
उन्होंने कहा, ”हमारे क्षेत्र में एक व्यक्ति का सब्जी का व्यवसाय है और मैंने से उससे सब्जी बनाने के लिए बड़ी मात्रा में आलू देने के लिए कहा। इसके अलावा हमने 50 किग्रा आटा जुटाया, जिसे हमने अपनी कालोनी के कई घरों में समान रूप से बांट दिया ताकि वे उसकी रोटी बना सकें। इसके बाद हमारे पास वितरण के लिए लगभग 1400 रोटियां और पूड़ी जमा थी।”
उनका कहना है कि इस काम में पुलिस भी उनकी मदद कर रहे थे। पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित कर रहे थे। तेजिंदर और उसके साथी प्रवासी मजदूरों में खाना वितरण करते थे। तेजिंदर ने आगे कहा कि पहले दिन हमने 1000 प्रवासियों को भोजन कराया। अगले दो दिन यह संख्या बढ़कर 5000 हो गई। इनमें कई बच्चे भी शामिल थे। हमने उन्हें आलू पूड़ी देने के अलावा दूध और शरबत भी दिया। हम पिछले पांच दिनों से लोगों को भोजन मुहैया करा रहे हैं।