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Country sport Uttarakhand

पत्थर तोड़कर गुजारा कर रहा देश का यह  क्रिकेट खिलाड़ी 

देश और दुनिया में पिछले चार महीनों से क्रोरोना वायरस के संक्रमण ने कोहराम मचाया हुआ है। इस वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान जा चुकी है। और इस कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी चली गई है,जो बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे कई लोग हैं, जो बेरोजगार हो गए हैं। कई पढ़े-लिखे लोगों की नौकरियां  चली गई है और वह मजदूरी या दूसरे काम करने को मजबूर हैं।

इस महामारी का असर खेलों की दुनिया पर भी हुआ है। टूर्नामेंट रद्द होने की वजह से बहुत से खिलाड़ी खाली हैं। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से कई नेशनल और स्टेट लेवल के खिलाड़ियों को मजदूरी करने और सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है।उनमें से एक हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ रायकोट गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह धामी।उन्होंने कभी भारतीय  व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया था। भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और उत्तराखण्ड क्रिकेट टीम के कप्तान राजेंद्र सिंह धामी कोरोना काल में मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। धामी उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले में निवास करते हैं।

धामी अपना घर चलाने के लिए मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं। आर्थिक तंगी से  गुजर रहे हैं और काफी हतास  हैं। परिवार का गुजर-बसर करने के लिए कमाई का कोई साधन नहीं बचा तो  ऐसे में वह उत्तराखंड में पत्थर तोड़कर घर चलाने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है।

पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी ने कहा, ”उनका एक टूर्नामेंट शेड्यूल था, लेकिन कोविड-19 की वजह से वह रद्द हो गया। मेरी सरकार से अपील है कि मेरी क्वॉलिफिकेशन के मुताबिक मुझे नौकरी दी जाए। पिथौड़ागढ़ के ” डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदांडे ने भी कहा, ”फिलहाल उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। हमने डिस्ट्रिक स्पोर्ट्स ऑफिसर से कहा है कि वह राजेंद्र को तुरंत पैसों की मदद पहुंचाए। उन्हें मुख्मंत्री स्वरोजगार योजना या अन्य योजनाओं के तहत लाभ दिया जाएगा, ताकि वह भविष्य में अपनी आजीविका अर्जित कर सके।”धामी का कहना है कि कुछ लोग मेरी मदद के लिए आगे आए हैं ,जिनमें अभिनेता सोनू सूद भी शामिल हैं। सोनू सूद ने मुझे 11 हजार रुपये की मदद की। और रुद्रपुर ,पिथौड़ागढ़ में भी कुछ लोगों ने मदद की लेकिन वो काफी नहीं थी। महज तीन वर्ष की आयु में उन्हें पैरालिसिस हुआ। इसकी वजह से उनका 90 प्रतिशत शरीर दिव्यांग  हो गया था। धामी ने क्रिकेट के मैदान पर कई बेहतरीन प्रदर्शन किए हैं।

पढ़ाई के लिहाज से उन्होंने हिस्ट्री में मास्टर्स  डिग्री और बीएड भी किया है।धामी मजदूरी करने से पहले रुद्रपुर में व्हीलचेयर वाले बच्चों  को क्रिकेट की कोचिंग दे रहे थे, लेकिन कोरोना यह भी उनसे छीन लिया।

देश  का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद उन्हें कोरोना संकट के बीच आय स्रोत के बिना छोड़ दिया गया। बतौर कप्तान धामी ने उत्तराखण्ड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का नेतृत्व करते हुए मलेशिया ,बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों का दौरा कर चके हैं। वर्ष 2017 में भारत नेपाल और बांग्लादेश त्रिकोणीय सीरीज में भारत का नेतृत्व किया था।

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