‘अवनी’ इंटरप्राइज की मालकिन सुजाता ने सेनेटरी पैड के बजाय कपड़े से बने पैड इस्तेमाल करने की बात कही है।इतना ही सुजाता की इस कम्पनी ने कपड़ों से बने पैड की कई रेंज को लांच भी किया है। ‘अवनी’ के इस पहल से ऐसा माना जा रहा है कि सेनेटरी पैड के प्रयोग से बड़े पैमाने पर जो कूड़ा इकट्ठा होता था उसमें कमी आएगी। दरअसल सेनेटरी पैड के प्रयोग के बाद न तो उसे दुबारा इस्तेमाल किया जा सकता है न ही वह बॉयो-डिग्रेडेबल है।ऐसे में सुजाता ने कपड़े का पैड लॉन्च करके इसका हल निकाला है। मासिक धर्म के दौरान,जो सेनेटरी पैड महिलाएं प्रयोग करती हैं उसके हाईजीन को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने पहले भी सवाल उठाए हैं। सुजाता ने इन्हीं सारी समस्याओं का समाधान निकालते हुए एक ऐसे पैड का इजात किया जो इको फ्रेंडली भी है, हेल्थी और सबसे अहम गिल्ट फ्री है। कपड़े के पैड को बनाने की प्रेरणा कहां से मिलीकपड़े के पैड को बनाने की प्रेरणा कहां से मिली इस पर सुजाता बताती हैं कि, ‘मैं अपने पहले पीरियड से ही कपड़े का प्रयोग कर रही हूं। बाद में स्कूल के आखिरी दिनों में मैंने सेनेटरी पैड प्रयोग किया था। पर क्योंकि उसके इस्तेमाल से मुझे रैशेस हो जाते थे, अक्सर प्रयोग के बाद गुप्तांग के पास एलर्जी की वजह से स्किन लाल भी हो जाया करती थी। मैंने अपने अनुभव से ही यह महसूस किया कि कपड़े से बने पैड ही प्रयोग करने चाहिए।’ सुजाता आगे कहती हैं कि कॉमर्शियल तौर पर जिन सेनेटरी पैड को बेचा जा रहा है उसके कई नुकसान हैं। उसको बनाने में जिन केमिकल का प्रयोग किया जाता है वह बहुत ही हानिकारक है। बहुत कम लोग जानते हैं कि सेनेटरी पैड को बनाने के लिए एक किस्म का प्लास्टिक भी प्रयोग किया जाता। आपको बता दें कि अवनी इंटरप्राइज ने एक किट भी बनाई है जिसे ‘गो ग्रीन पीरियड’ नाम दिया गया है। जिसमें कपड़े के पैड के अलावा मेंस्ट्रुअल कप को भी रखा गया है। जाहिर तौर पर सुजाता की टीम का यह प्रयास बहुत ही प्रेरणादायक है। बशर्ते यह प्रयोग सेनेटरी नैपकिन के सभी सुविधाओं को भी पूरा करे।
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