दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में कड़ी मेहनत के बावजूद बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। शर्मनाक हार के बाद अब मनोज तिवारी के हाथ से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान निकलती नजर आ रही है। माना जा रहा है कि मनोज तिवारी के स्थान पर अब किसी नए चेहरे को अवसर दिया जाएगा। इसी बीच खबर ये भी है कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अपने पद से इस्तीफे के पेशकश की है।
माना जा रहा है कि दिल्ली चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन के चलते ही मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि, आलाकमान की ओर से अभी उन्हें पद पर बने रहने की लिए ही कहा गया है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा की करारी हार का सारा जिम्मा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर गया।
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। मनोज तिवारी अपने अध्यक्ष पद की अवधि को पूरा कर चुके हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने उनके पद का कार्यकाल बढ़ा दिया था। लेकिन दिल्ली में अपनी हार के बाद निराश बीजेपी ने दिल्ली में नए चेहरे की खोज शुरू कर दी है। साल 2017 में मनोज तिवारी के नेतृत्व में बीजेपी ने एमसीडी चुनाव में जीत दर्ज की थी। साथ ही साल 2019 में लोकसभा चुनाव में भी मनोज तिवारी का बेहतरीन प्रदर्शन रहा था। लेकिन दिल्ली में उनके नेतृत्व ने बीजेपी को बेहद निराश किया।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बीजेपी किस चेहरे को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी? दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में हैं। जिसमें पहला नाम परवेश साहिब सिंह वर्मा का है। परवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से सांसद हैं। युवा होने के साथ-साथ उन्होंने हर वर्ग में अपनी पैठ भी बनाई हुई है। उनकी तारीफ दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह भी कर चुके है।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष की इस दौड़ में विजेंद्र गुप्ता का नाम भी शामिल है। वह रोहिणी विधानसभा क्षेत्र से दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं। उनका नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चा में है। लेकिन उनकी उम्र और उनका पहला कार्यकाल उनको इस नई जिम्मेदारी मिलने में बाधा भी बन सकता है। राजस्थान से राज्यसभा सांसद विजय गोयल का नाम भी इस पद के लिए योग्य बताया जा रहा है। लेकिन वह पहले से एक बार दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभाल चुके हैं।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के लिए आलाकमान ऐसे नेता को भी चुन सकती है। जो नेता के साथ-साथ युवा हो और हर वर्ग में उसकी पकड़ अच्छी हो। एक तरफ जहां इस रेस में परवेश वर्मा का नाम लिया जा रहा तो वहीं दूसरी तरफ दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी और पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर का नाम भी लिया जा रहा है।
वहीं पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि इस बार इस पद पर किसी महिला को भी बैठाया जा सकता है। प्रदेश बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि एक तेज तर्रार महिला को ये कमान सौंपी जा सकती है। अगर किसी महिला को यह कमान सौंपी जाती है तो उसमें मीनाक्षी लेखी का नाम पहले नंबर पर होना तय है, क्योंकि वह नई दिल्ली संसदीय सीट से सांसद तो हैं ही साथ ही एक अच्छी वक्ता भी हैं।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान दिल्ली विधानसभा में करारी हार के बाद दिल्ली बीजेपी की पूरी टीम को बदलने का मन बना चुकी है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि बीजेपी दिल्ली में 15-20 सीट आसानी से जीत सकती थी। लेकिन बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने के कारण बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का साथ बीजेपी को नहीं मिल पाया।