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मानसून सत्र में होगी मुद्दों की बारिश

मानसून सत्र

 

संसद में मानसून सत्र के पहले दिन भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा तो राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना 21 जुलाई को होगी, लेकिन इस सबसे इतर कहा जा रहा है कि कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ, महंगाई, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना सहित अन्य अहम मुद्दों पर इस सत्र में सरकार को घेर सकती है

देश में इन दिनों विवादित बयानों से उपजे बवाल और केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ सहित कई मुद्दों की आग से जहां देशभर में माहौल गर्म है वहीं 18 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में भी इनकी गर्माहट रहने के आसार हैं। दरअसल, संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और अगस्त के दूसरे हफ्ते यानी 12 अगस्त तक चलने की संभावना है।


इस बार का मानसून सत्र कई मायनों में विशेष माना जा रहा है। संसद के इस मानसून सत्र के पहले दिन भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा तो राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना 21 जुलाई को होगी, वहीं 11 अगस्त को देश को नए राष्ट्रपति मिलेंगे।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार के मानसून सत्र में खूब हंगामा होगा। कहा जा रहा है कि ईडी द्वारा कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछताछ के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इसके साथ-साथ महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी हंगामा हो सकता है। कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ, महंगाई, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना और अन्य अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेर सकती है। खासकर अग्निपथ योजना पर विपक्ष ने सवाल पूछने की तैयारी कर ली है।


कहा जा रहा है कि सरकार कई विधेयकों को सदन में पेश कर सकती है। इनमें संसदीय समिति के समक्ष विचारार्थ भेजे गए 4 विधेयक शामिल हैं। जिससे संसद के मानसून सत्र के दौरान काफी गहमागहमी हो सकती है। सत्र के दौरान राष्ट्रपति चुनाव के अलावा उपराष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव होगा। उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा के सभापति भी हैं, का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इस बार राज्यसभा के महासचिव, राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर हैं जबकि लोकसभा के महासचिव उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर होंगे। सत्र के दौरान दोनों संवैधानिक पदों की मतगणना भी संसद में होगी।


गौरतलब है कि मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है और अगस्त के दूसरे सप्ताह के अंत तक समाप्त होता है। मौजूदा संसद भवन में यह आखिरी सत्र हो सकता है, क्योंकि लोकसभा अध्यक्ष ने कई मौकों पर घोषणा की है कि 2022 का शीतकालीन सत्र नए भवन में आयोजित किया जाएगा।


पिछले साल भी रहा हंगामेदार
पिछले साल संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ। मानसून सत्र अपने पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। पेगासस जासूसी मामले और तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया। संसद में पूरे सत्र के दौरान गतिरोध बना रहा हालांकि राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बनाने का अधिकार देने संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर दोनों सदनों में सभी विपक्षी दलों ने चर्चा में भाग लिया था लेकिन सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा था।

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