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कांग्रेस के 7 सांसदों के निलंबन पर संसद में भारी हंगामा, कार्यकाल 11 मार्च तक स्थगित

कांग्रेस के 7 सांसदों के निलंबन पर संसद में भारी हंगामा, कार्यकाल 11 मार्च तक स्थगित

लोकसभा कार्यकाल 11 मार्च तक स्थगित किया गया है। आज सदन में कांग्रेस के सात सांसदों के निलंबन पर चर्चा होनी थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी अपने सांसदों के निलंबन को रोकने के लिए अड़ी हुई है। साथ ही कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस की मांग है कि तत्काल समय में ही दिल्ली हिंसा पर बहस कराई जाए। लेकिन सदन में लगातार पांच दिनों से हंगमा हो रहा है। हंगामे के चलते सभापति को सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ रही है।

बता दें कि कांग्रेस के सात सांसदों को शेष सत्रावधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। बजट सत्र के दूसरे भाग के दौरान गुरुवार को लोकसभा में हंगामा और उद्दंडता भरा आचरण करने के चलते उनका निलंबन हुआ है। उनपर सदन का अपमान करने और ‘घोर कदाचार’ के मामले में शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है।

पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने इस पर कहा कि कांग्रेस सदस्यों की तरफ से अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है। निलंबित सांसद गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, एडवोकेट डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन, मणिक्कम टैगोर, राजमोहन उन्नीथन और गुरजीत सिंह औजला हैं।

स्पीकर ने कांग्रेस सांसदों की सदस्यता खत्म करने की सरकार की मांग पर जांच के लिए समिति बनाने को मंजूरी भी दे दी है। वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सांसदों का बेलगाम बर्ताव बेहद दुखद और देश के निर्माताओं को स्तब्ध करने वाला है। कल संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश की थी जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित किया गया। जिसपर पीठासीन सभापति ने मीनाक्षी लेखी ने कहा, “जिन माननीय सदस्यों को निलंबित किया गया है वे तुरंत बाहर चले जाएं।”

ये सुन कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज संसद में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मिंदा दास्तान है। विपक्ष सरकार से मांग कर रहा है कि दिल्ली के दंगों पर चर्चा हो, देश की छवि धूमिल हो रही है। मजहबी दरार बढ़ रही है। देश की खातिर सदन में चर्चा हो। पिछली दो तारीख़ से मांग कर रहे हैं, सब पर योगदान करेंगे। पहले दिल्ली दंगों पर बात हो। लेकिन स्पीकर ने कहा कोरोना को लेकर बात हो, हम तैयार हो गए।

उन्होंने आगे कहा कि सदन जब चलने लगा तो फिर मांग की। राहुल और सोनिया को गाली दी गई। हमने कहा 11 मार्च को हो सकता है, आज क्यों नहीं? बदले की भावना से पूरे सेशन के लिए सस्पेंड किया गया है। सरकार डरी हुई है। यह तानाशाही का फैसला है। सरकार का फैसला है, स्पीकर का नहीं है। सात सदस्यों का निलंबन करने से डरने वाले नहीं हैं। जंग हमारा जारी रहेगी। हमारी मांग है कि दिल्ली दंगों पर चर्चा हो। हम दूसरे नेताओं से इसपर बात कर रहे है। ये हमारा अधिकार है। यह एक संवेदनशील मामला है और जनता से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सांसदों का बेलगाम बर्ताव बेहद दुखद और देश के निर्माताओं को स्तब्ध करने वाला है। वहीं पी. चिदंबरम ने कहा कि सांसद कई दफा उकसाए जाने पर अपना धैर्य खो देते हैं। ऐसे में सदन को उकसावे और प्रतिक्रिया दोनों पर ही विचार करना चाहिए।

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