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फिर आया यथार्थ हॉस्पिटल का सच सामने, कोरोना के नाम पर भारी वसूली

फिर आया यथार्थ हॉस्पिटल का सच सामने, कोरोना के नाम पर भारी वसूली

पिछले सप्ताह दि संडे पोस्ट में ‘कोरोना के नाम पर लूट की छूट, यथार्थ हॉस्पिटल का यथार्थ’, शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसमें यथार्थ हॉस्पिटल के मालिक कपिल त्यागी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उनके यहां उत्तर प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है और कोविड-19 के मरीजों से वाजिब रेट वसूले जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उनके यहां आईसीयू रूम चार्ज 10 हजार से ज्यादा नहीं है।

लेकिन ‘दि संडे पोस्ट’ के पास जो इस बार जानकारी आई है वह यथार्थ हॉस्पिटल के यथार्थ यानी कि सच को सामने लाने के लिए काफी है । जिसमें गत 12 जून को अनिल गर्ग नामक एक मरीज हॉस्पिटल में एडमिट हुआ। बताया गया कि मरीज को कोविड-19 था। जिसके चलते उसे 10 दिन तक हॉस्पिटल में उपचाराधीन रखा गया। 21 जून को जब अनिल गर्ग हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए और जो उनके सामने बिल आया उसे देखकर वह हक्के-बक्के रह गए।

यथार्थ हॉस्पिटल के प्रबंधकों ने अनिल गर्ग के 10 दिन का इलाज का ढाई लाख से अधिक का बिल दिया। जिसमें काफी अनुनय-विनय करने के बाद 10 प्रतिशत का कमीशन दिया गया। अंत में 2 लाख 53 हजार के बिल को 228000 रुपए लेकर जारी कर दिया गया। फिलहाल मरीज अनिल गर्ग ठीक होकर अपने घर आराम फरमा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से उनके इलाज में बिल वसूली के नाम पर अधिक पैसे लिए गए, उससे वह व्यथित है।

यही नहीं बल्कि व्यथित वह इस बात को लेकर भी है कि जब उन्होंने यथार्थ हॉस्पिटल के मालिक कपिल त्यागी को बिल कम करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि ‘तुम्हारे लिए यही काफी है कि तुम बच गए हो।’ इस बात से यह एक डॉक्टर का संवेदनहीन संवाद कहा जाएगा। जबकि डॉक्टर को भगवान का दर्जा भी दिया गया है। डॉक्टर एक मरीज की संवेदनाओं को को समझने वाला होता है। लेकिन वही डाँक्टर जब ऐसी बाते करे तो मरीज की संवेदनाएं पूरी तरह मर चुकी होती है। आज अनिल गर्ग के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। उन्होंने ‘दि संडे पोस्ट’ को जो बिल की प्रतिलिपि दी है उसके अनुसार मरीज से कई गुना ज्यादा बिल वसूला गया है।

फिलहाल यथार्थ हॉस्पिटल के मरीज अनिल गर्ग के बिल की बात करें तो 11000 रुपए फेस मास्क एन-95 के लिए गए हैं । इस तरह एक ही दिन में फेस मास्क की कीमत 5 बार से ज्यादा जोडी गई है। एक एन-95 फेस मास्क की कीमत 200 रूपया लगाई गई। इसी के साथ फेस शिल्ड के पैसे भी बिल में जोड़े गए हैं। 10 दिन में 85 बार फेस शिल्ड बदली गई। यानी कि 1 दिन में 8 बार से ज्यादा फेस शिल्ड का बिल जोड़ा गया। इसी तरह पीपीई किट पर भी 57750 रुपए बिल मे जोड़े गए हैं। यह पीपीई किट 1050 रुपए की लगाई गई। जिसमें 55 पीपीई किट की कीमत जोड़ी गई। यानी कि 1 दिन में 5 पीपीई किट से ज्यादा के पैसे मरीज से वसूले गए।

कुछ मरीजों की शिकायत आ रही है कि उनसे कोविड-19 के इलाज के नाम पर सरकार के नार्मस से ज्यादा का बिल लिया जा रहा है। जो हॉस्पिटल सरकार की गाइडलाइन का पालन नही कर रहे हैं है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
– दीपक ओहरी, सीएमओ गौतम बुद्ध नगर

अब आपको बताते हैं कि किस तरह से कोरोना के नाम पर मरीजों का बिलो में अधिक वसूली की जा रही है। जैसे डॉक्टरों के अनुसार एक पीपीपी किट को पहनकर डॉक्टर या कोई भी विजिट करने वाला व्यक्ति सभी मरीजों को देख सकता है, तथा उनके लिए दवाई आदि का इंतजाम कर सकता है । लेकिन यथार्थ हॉस्पिटल में यह नहीं दिखाया गया है। बल्कि जो भी कोई दवाई देने वाला या जांच करने वाला या रूम में विजिट करने वाला सैंपल एरिया में आवागमन करने वाला व्यक्ति अगर वहां आता है तो उसका पीपीई किट के साथ ही फेस मास्क और हेड शील्ड का पैसा जोड़ दिया जाता है।

जब इस बाबत डॉक्टरों से बात की तो इसमें स्पष्ट हुआ कि कोई भी मरीज के रूम या सैंपल एरिया में घुसने वाला व्यक्ति बार-बार ना तो पीपीपी किट बदलता है और ना ही फेस शिल्ड। अगर वह ऐसा करता है तो उसका पूरा दिन किट बदलने और शिल्ड पहनने में ही व्यतीत हो जाएगा। इसी के साथ ही वह बार-बार एन-95 फेस फेस वॉश को भी उतार कर दूसरा मास्क नहीं पहनता है। किया यह जाता है कि हर बार गल्फस को सैनिटाइज कर दिया जाता है। ऐसे में यथार्थ हॉस्पिटल पर सवालिया निशान लग रहे है कि आखिर हॉस्पिटल एक ही दिन में कई-कई बार एक पेशेंट के नाम पर पीपीपी किट, फेस मास्क और फेस शिल्ड का चार्ज कैसे वसूल सकता है।

माना कि एक हॉस्पिटल में अगर 50 या 100 कोविड-19 के मरीज है तो ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति मरीज के आसपास जांच या दवाई देने या उसे देखने के लिए जाएगा तो इस तरह एक ही हॉस्पिटल में एक ही पीपीई किट, फेस मास्क और हेड शिल्ड के नाम पर सभी मरीजों से अलग अलग कीमत वसूली जाएगी। सवाल यह है कि एक ही पीपीई किट , फेस मास्क और हेड शिल्ड का पैसा सभी मरीजों से अलग-अलग वसूलने का अधिकार आखिर हॉस्पिटल को किसने दिया है।

इसके साथ ही यहा यह भी बताना जरूरी है कि मरीजो से रूम चार्ज के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। जिसके अनुसार 21 जून को बकायदा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने आदेश जारी किए है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के नए आदेशों के मुताबिक, जनरल वॉर्ड के लिए मरीजों को 1800 रुपये देने होंगे। वहीं हाई डिपेंडेंसी यूनिट के लिए 2700 रुपये प्रतिदिन शुल्क दोना होगा। बिना वेंटीलेटर के आईसीयू के लिए 3600 रुपये लगेंगे। जबकि वेंटिलेटर युक्त आईसीयू के लिए 4500 प्रतिदिन की प्रतिपूर्ति होगी। इसके साथ ही शारदा हॉस्पिटल के प्राइवेट वार्ड का रूम चार्ज 2500 रूपये है। लेकिन यथार्थ हॉस्पिटल में भर्ती रहे मरीज अनिल गर्ग के इलाज में एक नार्मल रूम का चार्ज 10000 लिया गया। जबकि रूम में ना तो आक्सीजन थी और ना ही वैन्टीलेटर।

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