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दुनिया पर हो सकता है एलियंस का हमला; NASA ने जारी की 33 पन्नों की रिपोर्ट

एलियंस को लेकर दुनिया में अब तक संशय की स्थिति बनी हुई है। समय-समय पर ये सवाल उठता रहा है कि एलियंस सच में हैं या नहीं। हाल ही में अमेरिका की खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी ने खुलासा करते हुए दावा किया था कि अमेरिकी सरकार के पास एक दुर्गटनाग्रस्त यूएफओ (उड़न तश्तरी, आकाश में उड़ती अज्ञात वस्तु ) मौजूद है। जिसके जरिए एलियंस पर रिसर्च की जा रही है। लेकिन अब खुद नासा ने सारे रहस्यों से पर्दा हटा दिया है।

दरअसल अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) की ओर से एलियन की खोज के क्षेत्र में बड़ा खुलासा किया है। फ़िलहाल तो एलियंस की तलाश के लिए एजेंसी द्वारा एक यूएफओ रिसर्च डायरेक्टर की नियुक्ति की गई है। साथ ही एजेंसी ने कहा है कि उसके वैज्ञानिक यूएफओ की तलाश करने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। 14 सितम्बर, गुरुवार को NASA ने एक रिपोर्ट भी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि आखिर कैसे वैज्ञानिकी रूप से यूएफओ की स्टडी की जा सकती है? दिलचस्प बात यह है कि ये रिपोर्ट मैक्सिको की संसद में एलियंस के कथित ममीकृत शवों को दिखाए जाने के कुछ ही दिनों बाद आई है।

NASA को वैज्ञानिकों ने एक टीम बनाने की सलाह दी थी और कहा था कि यूएफओ की खोज संभव है। अब आधिकारिक रूप से यूएफओ को यूएपी यानी ‘अज्ञात असामान्य घटनाओं’ के रूप में जाना जाएगा। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि NASA को और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए सैटेलाइट और अन्य उपकरणों का यूज करना चाहिए।

33 पन्नों की रिपोर्ट

पहली बार है कि NASA ने यूएपी पर गंभीरता से विचार करने के लिए ठोस कदम उठाया है। वैज्ञानिकों ने डेटा के आधार पर 33 पन्नों की रिपोर्ट जारी की, ताकि इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा की जा सके। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि एलियंस यूएपी के लिए एकमात्र – या संभावित – स्पष्टीकरण नहीं हैं, बल्कि शोध जारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में विश्वसनीय गवाहों, अक्सर लड़ाकू पायलटों ने अमेरिकी हवाई क्षेत्र में ऐसी वस्तुएं देखी हैं जिन्हें वे पहचान नहीं सके। इनमें से कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं लेकिन कुछ प्राकृतिक घटनाओं को तुरंत पहचाना नहीं जा सका है।

रिपोर्ट के अनुसार, “विज्ञान को एक ऐसी प्रक्रिया माना गया है जो वास्तविकता को गढ़ने के बजाय उसे उजागर करती है, चाहे वह वास्तविकता कितनी भी असंतोषजनक या भ्रमित करने वाली हो’ रिपोर्ट में वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया कि हां यह अक्सर अविश्वसनीय और मुश्किल हो सकता है। रिपोर्ट में यूएपी को जानने के लिए एक कठोर, साक्ष्य-आधारित, डेटा-संचालित वैज्ञानिक ढांचा बनाने पर जोर दिया गया है।

 

 

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