एक दिन पहले की ही बात है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में जनता दरबार लगा रहे थे। इस दौरान फरियादियो की भीड़ बहुतायत में हो गई। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की क्लास लगाते हुए कहा कि अगर लोगों की सुनवाई कार्यालय और थाने पर हो जाती तो आज इतनी ज्यादा संख्या में यहां नहीं आते।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को ही नहीं बल्कि अपने मंत्रियों की भी आजकल क्लास लगा रखी है । मंत्रियों को पहले की तरह इतनी आजादी नहीं है। वह आए दिन की तरह अपने कार्यालय में बैठकर काम नहीं निपटा सकते हैं। बल्कि इसके लिए पूरी कार्य योजना तैयार की गई है।
जिसके तहत रविवार को वह अपने परिवार के साथ रह सकते हैं । जबकि सोमवार को वह कार्यालय में बैठकर अपने काम निपटा सकते हैं। इसके अलावा सप्ताह के 5 दिन उन्हें अपने क्षेत्र में रहना होगा । जहां की समस्या सुनकर वह उनका निपटारा करेंगे।
इस पूरे प्रोग्राम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव की चौपाल से संबोधित किया है। ऐसे में योगी सरकार के मंत्री गांव की चौपालों में जा रहे हैं और वहां पर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं। गांव की चौपाल का यह कार्यक्रम अधिकतर रात के समय किया जाता है । इस दौरान मंत्री ऑन द स्पॉट समस्याओं का समाधान भी करने का दावा कर रहे हैं।
लेकिन मंत्रियों का जो फीडबैक सामने आ रहा है उसके अनुसार ज्यादातर मंत्री गांव की चौपाल में न जाकर शहरों में मीटिंग कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी का एक मामला सामने आ रहा है। जिसमें वह बरेली में गांव में चौपाल लगाने गए थे। लेकिन बताया जा रहा है कि वह गांव में गए ही नहीं। बल्कि उन्होंने शहर में ही अपनी चौपाल लगानी शुरू कर दी।
बताया जाता है कि मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बरेली के सर्किट हाउस में पहले पत्रकार वार्ता की और उसके बाद प्रशासनिक अफसरों के साथ विकास कार्यों पर एक बैठक का आयोजन भी किया। इसके बाद रात में ही मंत्री का कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र में चौपाल लगाकर समस्या सुनने का था। लेकिन बताया जाता है कि कैबिनेट मंत्री ने शहरी क्षेत्र के मोहल्ले में ही ग्रामीणों की चौपाल लगाकर ग्रामीणों चौपाल कार्यक्रम कर डाला।
चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस गांव की चौपाल में अधिकतर लोग किसान और ग्रामीण होने चाहिए मंत्री जी की चौपाल में कोई किसान और ग्रामीण भी दिखाई नहीं दिया। इस तरह कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी की यह शहर की चौपाल चर्चाओं में है ।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी का गांव की चौपाल अभियान शुरू करने का मकसद आगामी लोकसभा चुनाव है। जिसमें वह 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से भाजपा को जीत की ओर रणनीति बना रहे हैं । बताया जा रहा है कि भाजपा सरकार देश में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाली यूपी में गांव में चौपाल लगाकर अभी से लोकसभा चुनाव पर फोकस करने में व्यस्त हो गई है।