लॉकडाउन में आम जनता को बहुत सारी दिक्कतों का सामना है। खासकर उन्हें जिनके सामने रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी हुई है। लेकिन इस संकट के बीच इंसानियत की एक से एक मिसाले दिखने को मिली। ये लोग जितना भी बन पा रहा है एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। ये मदद सिर्फ अमीर वर्ग के लोग नहीं कर रहे हैं बल्कि इसमें अधिक संख्या उनकी है जो बेहद गरीब हैं।
कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में देखने को मिल रहा है जहाँ एक सब्जीवाला अपने ठेले पर एक बोर्ड लगाकर घुम रहा है। वह जहां से गुजरता है सभी का ध्यान आकर्षित करता है। तख्ती पर लिखे शब्द को पढ़कर सभी के दिल से सब्जीवाले के लिए दुआ निकलती है। बोर्ड पर लिखा है, ‘‘संभव हो तो खरीदें, नहीं तो मुफ्त में ले जाएं।’’ जिस व्यक्ति ने अपने ठेले पर यह बोर्ड लगाया है वह स्नातक पास है और एक निजी कंपनी में काम करता था।
स्थानीय खबरों के मुताबिक, राहुल लाबड़े एक निजी कंपनी में काम करते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया। जिसके कारण मालिक ने वेतन देना बंद कर दिया। घर चलाने के लिए उन्होंने अपने पिता के साथ सब्जियां बेचने का फैसला किया। शुरू-शुरू में वह भी बाजार की कीमत पर सब्जियां बेचते थे। लेकिन जब लोगों को दिक्कत में देखे तो उन्होंने जरूरतमंद और गरीब लोगों को मुफ्त में सब्जियां देने का फैसला किया।
जब राहुल से पूछा गया कि अचानक ऐसा फैसला लेने के पीछे क्या वजह थी तो उन्होंने बताया, ‘‘कुछ दिनों पहले एक बुजुर्ग महिला मेरे पास आईं और उन्होंने पांच रुपये की सब्जी देने को कहा क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे। मैंने सोचा कि पांच रुपये में क्या होगा। इसके बाद मैंने उन्हें मुफ्त में उतनी सब्जियां दे दीं जितनी उनकी जरूरत थी। इसके बाद मैंने निर्णय लिया कि ऐसे लोग जो खरीदने की स्थिति में नहीं है, उन्हें मुफ्त में सब्जी दी जाएगी।’’
राहुल कहते हैं कि पिछले तीन दिन में वह करीब 100 लोगों की मदद कर चुके हैं। वह शहर के भावसिंहपुरा क्षेत्र के आंबेडकर चौक पर सब्जी बेचता है। उन्होंने आगे कहा कि मैं अब तक लोगों को 2,000 रुपए तक की सब्जी मुफ्त में दे चुका हूं। मैं यह काम तब तक जारी रखूंगा जब तक कि मेरी आर्थिक स्थिति इसकी इजाजत देगी। मेरी इच्छा है कि कोई भी रात में भूखा न सोए।