जहां हम कोरोना महामारी से कुछ हद तक उबरते नजर आ रहे हैं, वहीं अब भारत के कुछ राज्यों में टोमैटो फ्लू तीव्र गति से फैल रहा है। चार राज्यों केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा में कुछ बच्चे टोमैटो फ्लू से संक्रमित हुए हैं। जिसके बाद अब केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
टोमैटो फ्लू क्या है?
विश्व प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ के अनुसार टोमैटो फ्लू बच्चों में पाए जाने वाले ‘हाथ, पैर और मुंह’ रोग का एक रूप है। यह रोग कुछ विषाणुओं द्वारा फैलता है जो आंतों (एंटरोवायरस) को संक्रमित करते हैं। इस रोग के लक्षणों में बुखार, जोड़ों में दर्द और शरीर पर लाल चकत्ते शामिल हैं। इसके साथ ही उल्टी, थकान, दस्त यानि डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं जो आमतौर पर बुखार के बाद दिखाई देते हैं।
क्या कहती है लैंसेट रिपोर्ट ?
यह संभवतः हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का एक रूप है, जैसा कि लैंसेट जर्नल द्वारा अपने अध्ययन में बताया गया है। लैंसेट में बताया गया है कि ये प्रभाव एक साधारण वायरल संक्रमण के बजाय बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार का पालन करने की अधिक संभावना है। लैंसेट ने समझाया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अन्य उम्र के लोगों को विशेष रूप से संक्रमण का खतरा होता है।
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अब संक्रमण क्यों?
कोरोना काल में बच्चों में हर तरह के संक्रमण की दर कम रही, क्योंकि बच्चे घर से बाहर निकलकर लोगों से घुलमिल गए। अब जबकि सभी तरह की पाबंदियां खत्म हो गई हैं, जनजीवन सामान्य हो गया है। बच्चों के स्कूल और नर्सरी (डे केयर) भी शुरू कर दिए गए हैं। इससे संक्रमण फैलने के लिए अनुकूल माहौल बन गया है। टोमैटो फ्लू के लक्षण भी काफी हद तक एक जैसे ही होते हैं। इसके चलते विशेषज्ञ डॉक्टरों का यह भी मानना है कि टोमैटो फ्लू को लेकर सतर्कता बढ़ रही है। डॉक्टर बताते हैं कि सामान्य लक्षणों और खासकर शरीर पर लाल चकत्ते को देखकरटोमैटो फ्लू का आसानी से बचाव किया जा सकता है।
लाल चकत्ते के कारण सभावित भ्रम?
टमाटर जैसे दाने इस रोग की विशेषता है। लेकिन अगर दाने दिखाई दें, तो मंकीपॉक्स का शक होना स्वाभाविक है। आमतौर पर इस बीमारी में दाने जीभ, मसूड़ों और गालों के अंदरूनी हिस्से के साथ-साथ हथेलियों पर भी दिखाई देते हैं। टमाटर फ्लू में दिखाई देने वाले दाने त्वचा पर सतही रूप से दिखाई देते हैं। हालांकि, मंकीपॉक्स का चकत्ता कुछ गहरा होता है। इसलिए विशेषज्ञ डॉक्टर बताते हैं कि टमाटर फ्लू और मंकीपॉक्स के बीच भ्रम की कोई वजह नहीं है।
इलाज क्या है?
इस बीमारी के लिए कोई विशिष्ट दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। वायरल संक्रमण के लक्षणों के अनुसार मरीजों का इलाज किया जाता है। बुखार होने पर पेरासिटामोल दी जाती है। डॉक्टर भी खूब पानी पीने और पूरा आराम करने की सलाह देते हैं।
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उपाय ?
चूंकि टमाटर फ्लू वर्तमान में मुख्य रूप से बच्चों में पाया जाता है, इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि बच्चों में लक्षण होने पर उन्हें पांच से सात दिनों तक स्कूल न भेजें। डॉक्टरों का सुझाव है कि लाल चकत्ते, निशान होने पर अन्य शिशुओं को गले लगाने, छूने या उनके साथ निकट संबंध बनाने से बचें। बच्चों को हाथ धोने, व्यक्तिगत स्वच्छता, नैपकिन के उपयोग सिखाने की आवश्यकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि बिस्तर और कवर को अलग रखना, लक्षण गायब होने के बाद उन्हें फिर से धोना और सुखाना उचित है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि बच्चों को भरपूर पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करने और गर्म पानी से अपने शरीर को धोने से भी संक्रमण की गंभीरता और प्रसार को रोका जा सकता है।