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पढाई को नही मिल रहा था समय, अफसर ने त्याग दी IPS की नौकरी

उत्तराखंड में एक अफसर ऐसा भी है जिसने पढ़ाई का समय नहीं मिल पाने के कारण आईपीएस की नौकरी को त्याग दिया । जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के 2012 बैच के आईपीएस अफसर असीम श्रीवास्तव की।

उत्तराखंड के गवर्नर ऑफिस में तैनात रहे असीम श्रीवास्तव अपनी ईमानदारी और कर्त्वयनिष्ठा के लिए जाने जाते थे। वह एक बार पूर्व में भी अपनी नौकरी त्यागने का फैसला ले चुके थे । लेकिन तब उत्तराखंड की तत्कालीन डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था । फिलहाल एक बार फिर उन्होंने नौकरी त्यागने का प्रयास किया जिसमें उन्हें सफलता मिल गई।

बहरहाल,असीम श्रीवास्तव की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को मंजूर कर लिया गया है। गृह सचिव नीतेश कुमार झा ने इस बाबत राजभवन की मंजूरी के बाद आदेश जारी कर दिया है। असीम श्रीवास्तव 15 अगस्त तक राजभवन में एडीसी के पद पर तैनात थे। असीम श्रीवास्तव 1998 में यूपी के समय राज्य पुलिस सेवा में भर्ती हुये थे। वह देहरादून और हरिदार के एसपी सिटी रह चुके है। पुलिस महानिदेशक के सहायक के साथ साथ वह भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर एनआईए भी गये थे।

असीम श्रीवास्तव पीसीएस से आईपीएस में चयनित हुए थे। 2012 बैच के अफसरों में असीम को पुलिस महकमे के सबसे साफ-सुथरी छवि वाले अधिकारियों में शुमार किया जाता था। उनके बारे में कहा जाता है कि वह पढ़ने-लिखने का बेहद शौक रखते हैं।

गौरतलब है कि असीम के बड़े भाई आनंद श्रीवास्तव उत्तराखंड में ही पीसीएस अफसर तैनात हैं। आईएएस में उनका चयन तय हो चुका है। असीम श्रीवास्तव की मानें तो उन्हें आईपीएस की नौकरी छोड़ने का बिल्कुल भी गम नहीं है। वह कहते हैं कि उन्हें पढ़ने और लिखने में अत्यधिक दिलचस्पी है। उसको ही पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड दी। इसके साथ ही वह यह भी कहते हैं कि वह अब कोई नौकरी नहीं करेंगे ।

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