वैज्ञानिक भारत में तीसरी लहर की भविष्यवाणी कर रहे हैं। दूसरी लहर में भारत में जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण बढ़ा उसे देखकर पूरे देश के लोग अब डरे हुए हैं। हालांकि, देश में अभी भी टीकों की कमी है और वैक्सीन की कमी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कुछ राज्यों ने किशोरों के लिए टीके की भी मांग की है। दूसरी ओर इसको लेकर केंद्र स्पष्ट नहीं है। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि वैक्सीन का अभी तक टीनएजर्स पर ट्रायल नहीं हुआ है इसलिए इन स्टूडेंट्स को वैक्सीन नहीं दी जा सकती।
सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 मई को स्वस्थ बच्चों पर परीक्षण के लिए भारत बायोटेक को मंजूरी दे दी है। लेकिन जब तक बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, तब तक उनका टीकाकरण नहीं किया जा सकता है।
14 से 17 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए एक आवेदन पर केंद्र ने हाईकोर्ट से कहा कि अभी तक बच्चों का टीकाकरण नहीं किया जा सका है। क्योंकि बच्चों पर ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने कहा कि अभी ट्रायल चल रहा है और प्रक्रिया के नतीजे आने में अभी और समय लगेगा। केंद्र ने एक रिपोर्ट के साथ यह बात कही थी और हाईकोर्ट को बताया था कि फिलहाल 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले छात्रों को वैक्सीन नहीं दी जा सकती है।
अभी ट्रायल चल रहा है और नतीजे आने में कुछ समय लगेगा
इससे पहले हाईकोर्ट ने वैक्सीन और कोविन प्लेटफॉर्म्स को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि आप जिस डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं वह यह है कि ग्रामीण इस प्रक्रिया को करने में सक्षम हैं या नहीं।