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गुजरात में भाजपा के दांव से चरमराई कांग्रेस की रणनीति

  • दाताराम चमोली

नई दिल्ली। गुजरात में राज्य सभा की चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस दो सीटों पर जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रही थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर एक ऐसा दांव चला है जिससे उसकी रणनीति फेल होती दिखाई दे रही है। दरअसल राज्य में कांग्रेस के दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि तीसरे विधायक के भी इस्तीफे की चर्चा है।

बताया जाता है कि करजन सीट के विधायक अक्षय पटेल ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि कपराडा से विधायक जीतू चौधरी पार्टी के संपर्क में नहीं हैं। ऐसे में तय माना जा रहा है कि अब वे भी पार्टी में नहीं है। एक और विधायक के इस्तीफे की चर्चा है। कांग्रेस इसके पीछे भाजपा की रणनीति बता रही है। उसका मानना है कि भाजपा कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे दिलवाकर राज्य सभा चुनाव के समीकरण अपने पक्ष में करना चाहती है। अभी गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 103 विधायक हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के 68, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2 और एनसीपी का एक विधायक है। ऐसे में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 35.01 वोट की आवश्यकता होगी।  कांग्रेस यह मानकर चल रही थी कि बीटीपी के 2 और एक एनसीपी विधायक  के साथ उसकी संख्या 71है । इस संख्या के बूते वह आसानी से 2 सीटें जीत लेगी, लेकिन उसके विधायकों ने ही गणित बिगाड़ दिया है। पार्टी विधायकों ने एक बार फिर 2017 जैसी ही हालत पैदा कर दी है। उस वक्त भी  कांग्रेस के छह विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और भीजपा ने  एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस के दिग्गज अहमद पटेल के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी। वे महज एक वोट निरस्त होने से जीत पाए थे।
इस बार भाजपा राज्य की तीन सीटें जीतने का सपना देख रही है। इसके लिए उसे 106 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। यानी उसे तीन विधायकों की और जरूरत होगी। भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा और नरहरी अमीन को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है।

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