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बिहार में शुरू हुआ रैलियों का दौर

देश में लोकसभा चुनाव होने में अभी काफी समय है,लेकिन बिहार में राजनीतिक पार्टियों ने इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में भाजपा पूर्णिया और किशनगंज में रैली करने वाली है।जिसमे खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आ रहे है। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह 23 सितंबर को पूर्णिया और 24 सितंबर को किशनगंज रैली को संबोधित करेंगे।माना यह भी जा रहा है कि,अमित शाह महागठबंधन के मजबूत दुर्ग में मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिना कर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ माहौल बनाकर बिहार में फतेह करने की राजनीतिक बिसात बिछाएंगे।

 

भाजपा ने शुरू से ही सीमांचल को अपने टारगेट में इसलिए रखा है,क्योंकि इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है। सीमांचल में 40 से 70 फीसदी आबादी अल्पसंख्यकों की है। इस इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है। ऐसे में अमित शाह अपने सीमांचल दौरे पर इस मुद्दे को रैली में उठा सकते हैं।सीमांचल के जिलों में मुस्लिमों की बड़ी आबादी है, जिसके चलते भाजपा जनसंख्या के असंतुलन और घुसपैठ को मुद्दा बनाती रही है। इतना ही नहीं महागठबंधन के दलों पर इस इलाके में तुष्टिकरण के आधार पर वोटों खींचने का आरोप लगाती रही है।जेडीयू के साथ होने के चलते भाजपा खुलकर हिंदुत्व कार्ड नहीं खेलती थी, लेकिन बदले हुए माहौल में अपने एजेंडे पर राजनीतिक समीकरण सेट करने का मौका दिख रहा है। इस दौरान अमित शाह सीमांचल में घुसपैठ की समस्या उठा सकते हैं तो साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी तरफ खींचने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को उनके सामने रखेंगे।

लेकिन,अब जदयू से मंत्री विजय चौधरी घोषणा की है कि,भाजपा की रैली के ठीक बाद महागठबंधन बिहार के पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में रैली करेंगे। इसके अलावा उनका कहना है कि,अब बात सिर्फ तीन जिलों की नहीं रही है। महागठबंधन पूरे बिहार में रैली करने वाली है। भाजपा के खिलाफ राजद और जदयू के नेता पूरी तरह एकजुट हैं और बहुत जल्द पूरे बिहार की जनता के बीच पहुंचेंगे। इन रैली में सीएम नीतीश कुमार को समर्थन देने की बात करेंगे। इस पर भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि,सीमांचल में अमित शाह की रैली ने विरोधियों की नींद उड़ा दी है। इसके अलावाउन्होंने कहा है कि,अल्पसंख्यक बहुल इलाके में बहुत सारी अफवाह फैलाकर महागठबंधन के लोगों ने लोगों को गुमराह किया है। अब अमित शाह के आने से बड़ी संख्या में लोगों के भाजपा से जुड़ने का अनुमान है, जिससे महागठबंधन घबरा गया है, इसलिए रैली का आयोजन कर रहा है।
महागठबंधन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की होने वाली रैली पर जिस तरीके से हरकत में आया है। उससे ऐसा लग रहा है कि,भाजपा के रैली का जवाब रैली से ही दिया जा सकता है, ताकि ना सिर्फ माहौल बने बल्कि महागठबंधन के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सक्रिय रहें।महागठबंधन की रैली के पीछे एक यह भी मन जा रहा है कि,महागठबंधन बिहार में अपनी ताकत दिखाना चाहता है, ताकि बिहार में भाजपा की दाल गलनी बंद हो जाए। इन रैलियों से ऐसा लग रहा है कि,आने वाले दिनों में राज्य में रैली की राजनीति देखने को मिलेगी।

 

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